भारत में लॉ पास करने वाले छात्रो के लिए सिविल कोर्ट में जज बनना किसी सपने से कम नहीं है. बारहवीं कक्षा पास करने के बाद किसी मान्यता प्राप्त लॉ कॉलेज/ संस्थान से Bachelor of Law/ LLB कोर्स करें. बैचलर ऑफ़ लॉ यानि लॉ में स्नातक (ग्रेजुएशन) डिग्री उत्तीर्ण करने के बाद सिविल जज के लिए अप्लाई करें. राज्य लोक सेवा आयोग (state PSC) सिविल जज के रिक्ति पदों की भर्ती हेतु सिविल जज की वैकेंसी निकालती है.
सिविल कोर्ट में जज बनने के लिए देश भर के राज्य अपने -अपने स्तर से ज्यूडिशियल सर्विस रतियोगी परीक्षा आयोजित करते हैं. तमाम प्रतियोगी परीक्षाओ की तरह यहां भी प्रिलिमिनरी, मेन्स और पर्सनल इंटरव्यू के तीन चरणों से आपको गुजरना होगा. जिन विषयों को इस परीक्षा में शामिल किया जाता है. उनमें एक पेपर समान्य ज्ञान और करंट अफेयर्स का, तो दूसरा पेपर लॉ पर आधारित होता है.
इस प्रतियोगी परीक्षा के अंतर्गत दो प्रकार की नियुक्ति होती हैं. लोअर ज्यूडिशियल सर्विस, जिसके लिए आवश्यक योग्यता एलएलबी (5 वर्षीय इंटिग्रेटेड या 3 वर्षीय समान्य) है. इसमें प्रवेश के लिए किसी कार्य अनुभव की आवश्यकता नहीं है जबकि हायर ज्यूडिशियल सर्विस के लिए लॉ की डिग्री के साथ आपको 7 वर्ष का कार्य अनुभव होना चाहिए.
कुल मिलाकर यह जान लें कि लॉ विषयों का गहरा ज्ञान ही इस क्षेत्र में आपकी सफलता सुनिश्चित कर सकता है. ऐसे में आप जिस राज्य में रहते हैं, वहां की ज्यूडिशियल सर्विस प्रतियोगी परीक्षा की जानकारी लेकर आगे की तैयारी शुरू करें.