राजनीतिक गलियारों से आ रहे ताजा अपडेट के अनुसार बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार भगवद गीता को एनसीईआरटी (NCERT) की पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने की योजना बना रही है. केंद्र सरकार छठी और 7वीं कक्षा में भगवद गीता के संदर्भ और 11वीं और 12वीं की संस्कृत किताबों में श्लोकों को शामिल करने का मन बना रही है.
एक हिंदी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी ने यह कहकर इस कदम को स्पष्ट किया कि सरकार चाहती है कि छात्र भारतीय संस्कृति के बारें में सीखें. हालांकि, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस फैसले की आलोचना की और कहा कि बीजेपी शिक्षा प्रणाली का भगवाकरण करने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा कि अगर बीजेपी भगवद गीता को पाठ्यक्रम में शामिल कर रही है, तो उसे अन्य धार्मिक पुस्तकों पर भी विचार करना चाहिए.
सोमवार को लोकसभा में लिखित जवाब देते हुए शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा,”राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2022 पैरा 4.27 भारत के पारंपरिक ज्ञान को संदर्भित करता है जो सभी के कल्याण के लिए प्रयास करता है. उन्होंने कहा, “इस शताब्दी में ज्ञान शक्ति बनने के लिए हमें अपनी विरासत को समझना चाहिए और दुनिया को काम करने का ‘भारतीय तरीका’ सिखाना चाहिए.”