12वीं के बाद आसानी से दी जा सकती हैं जेईई और नीट, दोनों परीक्षाएं-जानिए कैसे

12वीं में ज्यादातर छात्र साइंस (मैथ/बायो), आर्ट्स और कॉमर्स में से किसी एक स्ट्रीम की पढ़ाई करते हैं. उनके मन में तय होता है कि उन्हें ग्रेजुएशन किस विषय में करना है. लेकिन कुछ ऐसे भी बच्चे हैं, जो 12वीं में मैथ और बायो, दोनों विषयों की समान रूप से पढ़ाई करते हैं. ऐसा करने पर उनके पास ग्रेजुएशन में इंजीनियरिंग और डॉक्टरी, दोनों डिग्री का ऑप्शन रहता है.

इंजीनियरिंग कोर्स के लिए जेईई (JEE Exam) और मेडिकल की पढ़ाई के लिए नीट परीक्षा (NEET Exam) देना अनिवार्य है. इन दोनों परीक्षाओं के बिना किसी अच्छे कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिलना नामुमकिन है. अगर आप जेईई और नीट, दोनों परीक्षाओं की तैयारी एक साथ कर रहे हैं तो ये खास टिप्स आपके बहुत काम आ सकते हैं.

1- फिक्स करें स्टडी शेड्यूल
एक ऐसा स्टडी शेड्यूल बनाएं, जिसमें जेईई और नीट, दोनों परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए पर्याप्त समय हो. अपना समय दोनों परीक्षाओं के विषयों के लिए समान रूप से बांटें. इस दौरान यह ध्यान रखें कि आपको फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी और मैथ, सभी विषयों को बराबर समय और प्राथमिकता देनी है.

2- पहले से तैयार करें स्टडी मटीरियल
अगर आप 12वीं के साथ एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं तो अपना स्टडी मटीरियल पहले से इकट्ठा कर लें. ऐसा न हो कि परीक्षा से कुछ दिन पहले आपको नोट्स या किताबें ढूंढनी पड़ें. जेईई व नीट परीक्षा की तैयारी के लिए आप टेक्सट बुक, रेफरेंस बुक्स, ऑनलाइन रिसोर्स और NCERT किताबें तैयार रखें.

3- समान भी हैं कुछ विषय
जेईई और नीट परीक्षा के सिलेबस में सिर्फ एक विषय अलग है. नीट परीक्षा के लिए बायोलॉजी पर फोकस होना जरूरी है और जेईई के लिए मैथ पर. इन 2 विषयों के अलावा फिजिक्स और केमिस्ट्री का सिलेबस लगभग समान होता है.

4- पहले से समझें एग्जाम पैटर्न
परीक्षा कोई भी हो, उसका एग्जाम पैटर्न और मार्किंग स्कीम समझना बहुत जरूरी है. जेईई और नीट परीक्षा, दोनों ही MCQ आधारित एंट्रेंस एग्जाम हैं. लेकिन दोनों में प्रश्नों की संख्या अलग-अलग है. जेईई में MCQ के साथ ही न्यूमेरिकल टाइप सवाल भी पूछे जाते हैं.

5- मॉक टेस्ट हैं जरूरी
जेईई और नीट, दोनों ही परीक्षाओं में बेहतर मार्क्स हासिल करने के लिए पिछले सालों के प्रश्न पत्र और मॉक टेस्ट अटेंप्ट करना बहुत जरूरी है. इससे एग्जाम पैटर्न और मार्किंग स्कीम समझ में आ जाती है. साथ ही टाइम मैनेजमेंट स्किल भी बेहतर होती है.

6- एक्सपर्ट से लें गाइडेंस
अगर आपको किसी भी विषय में कोई डाउट है तो समय रहते हुए उसे अपने टीचर्स, सीनियर्स या एक्सपर्ट से बात करके उन्हें सॉल्व कर लें. परीक्षा से पहले अपने नोट्स भी तैयार कर लें ताकि रिवीजन करने में कोई दिक्कत नहीं है.

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