चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.9 फीसदी की दर से बढ़ सकती है. वर्ल्ड बैंक ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में कहा कि भारत में मजबूत आर्थिक गतिविधियों के कारण सकल घरेलू उत्पाद के पहले के अनुमान को 6.5 फीसदी से अपग्रेड किया गया है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक इस साल औसत रिटेल इन्फ्लेशन 7.1 फीसदी पर रह सकती है. विश्व बैंक ने भरोसा जताया है कि चालू वित्त वर्ष में सरकार 6.4 फीसदी के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल कर लेगी.
इस संदर्भ में विश्व बैंक ने मंगलवार को जारी भारत से संबंधित अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि अमेरिका, यूरो क्षेत्र और चीन के घटनाक्रमों का असर देश पर देखने को मिल रहा है. वित्त वर्ष 2023 के लिए भारत का जीडीपी पूर्वानुमान वित्त वर्ष 21-22 के 8.7 फीसदी से कम है.
विश्व बैंक ने अपनी इंडिया डेवलपमेंट अपडेट रिपोर्ट (India Development Update report) में कहा कि बैंक भारत को सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में पेश करता है. उभरती अर्थव्यवस्थाओं में मंदी से भारत एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में उभर सकता है.
उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर 2022 की अवधि के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 6.3 फीसदी रही है. पिछले वित्त वर्ष की जुलाई से सितंबर तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर (GDP Growth Rate) 8.4 फीसदी थी.
इस तरह दूसरी तिमाही में इकोनॉमी की आर्थिक वृद्धि दर में कमी आई है. जबकि इससे पिछली तिमाही यानी चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि दर 13.5 फीसदी के स्तर पर रही थी. उल्लेखनीय है कि किसी तय समय में देश में पैदा होने वाले सभी प्रोडक्ट्स और सर्विस की वैल्यू को GDP कहा जाता है.