8वें वेतन आयोग के गठन को जब से केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी मिली है, तब से सरकारी कर्मचारियों के बीच खुशी की लहर है. लाखों सरकारी कर्मचारियों को उम्मीद है कि 8वां वेतन आयोग लागू होते ही, उनकी सैलरी में अच्छा खासा इजाफा हो जाएगा.
हालांकि, कुछ विभाग ऐसे भी हैं, जो 8वें वेतन आयोग के अंतर्गत नहीं आएंगे. यानी 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद भी उनके यहां सैलरी नहीं बढ़ेगी. चलिए, आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं. इसके साथ ही ये भी बताते हैं कि 8वां वेतन आयोग लागू होने से आपकी सैलरी में कितना इजाफा होगा.
किन कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा 8वां वेतन आयोग
देश में फिलहाल 7वां वेतन आयोग लागू है. ये वेतन आयोग साल 2014 में गठित हुआ था और इसे साल 2016 में लागू किया गया था. आमतौर पर भारत में हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग लागू होता है, देश का पहला वेतन आयोग 1946 में गठित किया गया था. चलिए, अब आपको बताते हैं कि किन सरकारी कर्मचारियों पर 8वां वेतन आयोग लागू नहीं होगा.
दरअसल, जो भी कर्मचारी पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSUs) या किसी ऑटोनॉमस बॉडी के कर्मचारी होते हैं या फिर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज होते हैं, वो पे कमीशन के दायरे से बाहर होते हैं. यानी इन लोगों पर वेतन आयोग लागू नहीं होता. इनकी सैलरी और भत्तों के लिए नियम अलग होते हैं. यही वजह है कि 8वां वेतन आयोग इन लोगों पर लागू नहीं होगा.
8वें वेतन आयोग में कैसे बढ़ेगी सैलरी?
8वें वेतन आयोग में सैलरी हाइक फिटमेंट फैक्टर और भत्तों के आधार पर होगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.92 से 2.86 के बीच हो सकता है. यानी सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 18000 से बढ़कर सीधे 51000 हो जाएगी. हालांकि, ये अभी तय नहीं हुआ है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर क्या होगा.
फिटमेंट फैक्टर क्या होता है?
फिटमेंट फैक्टर एक मल्टीप्लायर होता है, जिसका इस्तेमाल सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन को संशोधित करने के लिए किया जाता है. इसे मौजूदा बेसिक सैलरी पर लागू किया जाता है और इसके आधार पर नए वेतन की गणना की जाती है.
इसे ऐसे समझिए कि फिटमेंट फैक्टर का सीधा असर कर्मचारियों की बेसिक सैलरी पर पड़ता है. उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 15,500 है और फिटमेंट फैक्टर 2.57 है, तो उसकी कुल सैलरी 15,500 × 2.57 = 39,835 होगी.