भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने इस साल भी नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया. आरबीआई ने लगातार छठी बार रेपो रेट को 6.50 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने गुरुवार को कहा कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य से मिले-जुले संकेत मिल रहे हैं. अस्थिर वैश्विक स्थितियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था ने आउट परफॉर्म किया है.
उन्होंने कहा कि महंगाई भी नीचे आती दिख रही है. शक्तिकांत दास ने कहा कि इस बार की बैठक में विस्तार से चर्चा की गई. जिसमें कमिटी ने फैसला लिया कि रेपो रेट को अभी 6.50 फीसदी पर ही रखा जाए. इस संबंध में आरबीआई के छह में से पांच सदस्यों ने इस पक्ष में अपना पक्ष रखा.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी अकोमेडिटिव रुख वापस लेने के पक्ष में है. साथ ही ग्लोबल इकोनॉमी में रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं. इसके साथ ही खाद्य कीमतों में अनिश्चितता का महंगाई दर पर असर दिखाई दे रहा है. उन्होंने कहा कि एमपीसी का लक्ष्य है कि महंगाई दर को 4 प्रतिशत के नीचे लाया जाए. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस साल यानी 2024 में महंगाई दर नीचे आ सकती है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में रियल जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी पर रहने का अनुमान है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के मुताबिक, खाद्य कीमतों में अनिश्चितता का घरेलू बाजार पर असर दिख रहा है. एमपीसी का लक्ष्य है कि महंगाई दर को चार प्रतिशत से नीचे लाया जाए. आरबीआई गवर्नर का कहना है कि 2024 में महंगाई दर के और नीचे आने की उम्मीद है. वित्त वर्ष 2024-25 के लिए महंगाई दर 5.4 फीसदी पर रहने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2025 में महंगाई दर 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
एमपीसी बैठक में लिये गए फैसलों की घोषणा करते हुए केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा कि रबी फसलों की बुआई में प्रगति देखने को मिली है. इसके साथ ही आगामी वित्त वर्ष में रिटेल महंगाई दर 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024 में रिटल महंगाई का अनुमान 5.4 प्रतिशत है. वहीं चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में रिटेल महंगाई दर 4.7 फीसदी रह सकती है.