रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. नीतिगत दर 6.5 फीसदी पर बरकरार रहेगी. मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में 5-1 के मत से यह फैसला किया गया. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि कर्ज का स्तर बढ़ने, भू-राजनीतिक तनाव और अत्यंत खराब मौसम के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था अभी भी बहुत नाजुक बनी हुई है.
वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है, हमारी बुनियाद सुदृढ़ है. उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मुद्रास्फीति को काबू में रखने और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए कोई नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है. यह लगातार पांचवीं बार है जब नीतिगत दर यानी रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है.
आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया है. “गवर्नर दास ने कहा कि जीएसटी संग्रह, पीएमआई (परजेचिंग मैनेजर इंडेक्स) जैसे महत्वपूर्ण आंकड़े मजबूत बने हुए हैं. इन सबको देखते हुए चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है.”
आरबीआई ने खुदरा महंगाई दर के अनुमानित आकंड़े भी जारी किये हैं. अक्टूबर-दिसंबर 2023 के लिए 5.6 फीसदी, जनवरी-मार्च 2024 के लिए 5.2 फीसदी और अप्रैल-जून 2024 लि 5.2 फीसदी रखा गया है. इन तीनों ही अनुमानों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसके बाद जुलाई-सितंबर 2024 और अक्टूबर-दिसंबर 2024 के लिए क्रमश: 4.0 फीसदी और 4.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है.