देश के सभी पब्लिक, प्राइवेट और को-ऑपरेटिव सेक्टर के बैंकों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया रेगुलेट करता है. यही उनके लिए नियमों का निर्धारण करता है और उनका उल्लंघन होने पर कार्रवाई भी करता है.
सोमवार को जारी की गई अलग-अलग प्रेस रिलीज में रिज़र्व बैंक ने बताया कि उसने विभिन्न बैंकिंग नियमों का उल्लंघन करने को लेकर नौ को-ऑपरेटिव बैंकों पर करीब 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
रिज़र्व बैंक ने कहा है कि यह कार्रवाई रेगुलेटरी कंप्लायंस में कमियों की वजह से की गई है. इस कार्रवाई का मतलब इन बैंकों के अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है. रिज़र्व बैंक की ओर से नियमों की अवहेलना करने पर बैंकों के ख़िलाफ़ इस तरह के कदम पहले भी उठाए जा चुके हैं.
कौन-कौन से बैंक हैं शामिल?
नियमों के उल्लंघन को लेकर कार्रवाई करते हुए रिज़र्व बैंक ने बेरहामपुर को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक (ओडिशा) पर 3.10 लाख रुपये, उस्मानाबाद जनता सहकारी बैंक, महाराष्ट्र पर 2.5 लाख रुपये और संतरामपुर अर्बन को- ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, महिसानगर (गुजरात) पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
ये बैंक चुकाएंगे एक लाख रुपये जुर्माना
रिज़र्व बैंक द्वारा जिन बैंकों पर जुर्माना लगाया गया है उसमें जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, बालाघाट (मध्य प्रदेश), जमशेदपुर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जमशेदपुर (झारखंड) और रेणुका नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, अंबिकापुर (छत्तीसगढ़) भी शामिल हैं. इन बैंकों पर रिज़र्व बैंक ने एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
ओडिशा और गुजरात के इन बैंकों पर भी कार्रवाई
रिज़र्व बैंक के मुताबिक कृष्णा मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मध्य प्रदेश और केंद्रपाड़ा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, ओडिशा पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. वहीं नवानगर को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गुजरात पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
रिज़र्व बैंक ने पहले भी उठाए ऐसे कदम
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया देश के सभी बैंकों के लिए नियम बनाता है. रिज़र्व बैंक बैंकों की आर्थिक स्थिति को देखता रहता है और यह भी ध्यान रखता है कि वह नियमों का पालन कर रहा है या नहीं. अगर कोई बैंक नियमों की अवहेलना करते पाया जाता है तो संबंधित बैंक के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. नियमों का उल्लंघन होने पर रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकों पर भारी जुर्माना लगाया जाता है. वहीं किसी बैंक की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने पर उसके लाइसेंस को कैंसिल भी कर सकता है.