रिजर्व बैंक ने नियमों का पालन करने में कोताही बरतने पर आठ सहकारी बैंकों (Co-operative Bank) और एक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) पर जुर्माना लगाया है. आरबीआई ने बताया कि सहकारी बैंकों पर 1 से 40 लाख रुपये तक का जुर्माना लगा है.
आरबीआई के अनुसार, जिन आठ सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया है उनमें छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक, द गोवा स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक, गृह को-ऑपरेटिव बैंक, द यवतमाल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, वरुण अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक, इंदापुर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक और मेहसाणा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक शामिल हैं. इन बैंकों पर 1 लाख से लेकर 40 लाख रुपये तक जुर्माना लगा है.
इसके अलावा स्पंदन स्फूर्ति फाइनेंशियल एनबीएफसी पर भी मॉनिटरी पेनाल्टी लगाया है. यह कदम नॉन डिपॉजिट टेकिंग कंपनी और डिपॉजिट टेकिंग कंपनी के नियमों का उल्लंघन करने पर उठाया गया है. कंपनी ने लोन बांटने की लागत को लेकर आरबीआई की तरफ से जारी गाइडलाइन का पालन नहीं किया था.
किस बैंक पर कितना लगा जुर्माना
छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक : नो योर कस्मटर के नियमों का सही तरीके से पालन नहीं करने पर कार्रवाई हुई. नाबार्ड के साथ मिलकर आरबीआई ने 31 मार्च, 2020 को इसका निरीक्षण किया था. बैंक पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
द गोवा स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक (पणजी) : बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट की धारा 56 के तहत नियमों का सही तरीके से पालन नहीं करने पर आरबीआई ने 2.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
गृह को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड : इनकम की पहचान और संपत्ति वर्गीकरण जैसे नियमों का सही तरीके से पालन नहीं करने पर इस बैंक पर 1 लाख रुपये की पेनाल्टी लगाई गई है.
द यवतमाल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक : केवाईसी नियमों को लेकर आरबीआई की गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर केंद्रीय बैंक ने 3.5 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है.
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक छिंदवाड़ा : केवाईसी नियमों के पालन में ढिलाई बरतने पर इस बैंक पर भी 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. बैंक ने अपने कस्टमर की जानकारी नाबार्ड व आरबीआई से देरी के साथ साझा की और केवाईसी नियमों को समय पर अपडेट नहीं किया था.
वरुण अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक : इस बैंक पर भी केवाईसी नियमों का सही तरीके से पालन नहीं करने को लेकर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
इंदापुर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक : नॉन एक्सपोजर नियमों के पालन में हीलाहवाली करने ओर समय पर इसकी जानकारी आरबीआई को नहीं देने को लेकर 7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
मेहसाणा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक : जमा पर ब्याज दरों में हेरफेर करने और ग्राहकों को सही लाभ नहीं देने के मामले में इस बैंक को दोषी पाया गया और यही कारण है कि इस पर सबसे ज्यादा 40 लाख रुपये का जुर्माना लगा है. बैंक मृत व्यक्तियों के खातों में ब्याज का सही तरीके से गणना नहीं की और उनके नॉमिनी को सही रकम नहीं उपलब्ध कराई थी.
आरबीआई ने लगाया आठ सहकारी बैंकों पर जुर्माना, एक एनबीएफसी पर ठोकी तगड़ी पेनल्टी
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