28 सितंबर 2022 को शुरू हुई भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की बैठक अब समाप्त हो गई है. यह मीटिंग रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में हुई, जिसमें कई अहम निर्णय लिए गए.
रेपो रेट, महंगाई और आर्थिक वृद्धि पर चर्चा हुई. केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को फिर से बढ़ाने का निर्णय लिया है. रेपो रेट को 50 बीपीएस बढ़ाकर 5.90 फीसदी कर दिया गया है.
स्थायी जमा सुविधा यानी SDF को 5.15 फीसदी से बढ़ाकर 5.65 फीसदी कर दिया गया है. इनके अलावा एमएसएफ रेट और बैंक रेट 6.15 फीसदी हो गई है.
चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए केंद्रीय बैंक ने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के अनुमान को 7.2 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर दिया है.
दूसरी तिमाही में यह 6.3 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.6 फीसदी और चौथी तिमाही में यह 4.6 फीसदी रह सकती है. इसके अलावा अगले वित्त वर्ष, 2023-24 की पहली तिमाही में वास्तविक जीडीपी 7.2 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया गया है.
महंगाई की बात करें, तो आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 में इसके अनुमान को 6.7 फीसदी पर बरकरार रखा है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति (CPI) 7.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है.
तीसरी तिमाही में यह 6.5 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी रह सकती है. अगले वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही के लिए भी महंगाई के अनुमान को पहले की तरह 5 फीसदी पर बरकरार रखा है.