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सरकार उपभोक्‍ताओं को जल्‍द दे सकती है पेट्रोल-डीजल के दाम में कटौती का तोहफा

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सांकेतिक फोटो

सरकार उपभोक्‍ताओं को जल्‍द पेट्रोल-डीजल के दाम में कटौती का तोहफा दे सकती है. ग्‍लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमतें नीचे आने के बाद पेट्रोलियम कंपनियों का मार्जिन भी बढ़ा है और अब उन्‍हें घाटे के बजाए मुनाफा होने लगा है. इसे देखते हुए सरकार जल्‍द पेट्रोल और डीजल के दाम में 2 रुपये प्रति लीटर तक कटौती कर सकती है.

एक अंग्रेजी अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर पेट्रोल और डीजल के दाम नीचे आते हैं तो मई, 2022 के बाद यह तेल की कीमतों में पहली कटौती होगी. मई में सरकार ने दोनों ही ईंधन पर उत्‍पाद शुल्‍क घटा दिया था.

तब सरकार ने पेट्रोल पर 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर का उत्‍पाद शुल्‍क घटाया था. सरकारी तेल कंपनियों को एक बार फिर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बड़ा मार्जिन मिलना शुरू हो गया है. रिपोर्ट की मानें तो कंपनियों को पेट्रोल पर 6 रुपये लीटर और डीजल पर 10 रुपये लीटर तक का मार्जिन मिल रहा है.

मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अगर भारतीय रुपया और कच्‍चे तेल का दाम मौजूदा स्‍तर पर बने रहते हैं तो सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती कर सकती है.

हालांकि, इस पर कोई फैसला लेने से पहले यह जरूर देखना होगा कि ग्‍लोबल मार्केट में कच्‍चे तेल की कीमतों में आगे कितना उतार-चढ़ाव आ सकता है. फिलहाल इसके भाव रूस-यूक्रेन युद्ध के समय की तुलना में काफी नीचे चल रहे हैं.

सरकार ने मंगलवार को विंडफाल टैक्‍स यानी कंपनियों के मुनाफे में हिस्‍सेदारी को घटाकर यह संकेत दिया है कि घरेलू बाजार में अब तेल कीमतों पर दबाव कम हो रहा है.

अगर सरकार पेट्रोल और डीजल पर 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती करती है तो न सिर्फ जनता को महंगाई से राहत मिलेगी, बल्कि हिमाचल प्रदेश सहित कई राज्‍यों में होने वाले चुनावों के दौरान सत्‍ताधारी पार्टी को राजनीतिक लाभ भी मिलेगा और महंगाई को लेकर विपक्ष के आरोपों को भी जवाब दिया जा सकेगा.

भारत अपनी कुल कच्‍चे तेल की खरीद में 25 फीसदी हिस्‍सेदारी ब्रेंट क्रूड की रखता है. ऐसे में मई में जब सरकार ने उत्‍पाद शुल्‍क घटाया था तब ब्रेंट क्रूड का भाव 115 डॉलर प्रति बैरल था, जो अभी 95 डॉलर प्रति बैरल के भाव से चल रहा है. इतना ही नहीं सितंबर में तो इसका भाव 90 डॉलर प्रति बैरल तक चला गया था.

सरकारी तेल कंपनियों ने मई में अपना मार्जिन घटने और घाटा होने की शिकायत की थी. तब कंपनियों ने कहा था कि उन्‍हें पेट्रोल पर 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 14 रुपये प्रति लीटर का घाटा हो रहा है.

इतना ही नहीं इंडियन ऑयल और भारत पेट्रोलियम ने संयुक्‍त रूप से 19 हजार करोड़ रुपये के नुकसान की बात भी कही थी. हालांकि, अब दोबारा ये कंपनियां मुनाफे में लौट आई हैं और पेट्रोल-डीजल पर प्रति लीटर मार्जिन भी बढ़ने लगा है.











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