19 मई को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2000 रुपये के नोटों को सर्कुलेशन से वापस लेने का ऐलान किया था. केंद्रीय बैंक ने कहा था कि ये नोट लीगल टेंडर बने रहेंगे और लोग 23 मई से 2000 रुपये के नोट अपने बैंक खातों में जमा कर सकते हैं या किसी भी बैंक शाखा में अन्य नोटों के बदले उन्हें चेंज करा सकते हैं.
आरबीआई के सर्कुलर के मुताबिक बैंकरों ने खुलासा किया है कि 2000 रुपये के नोटों को बदलने या जमा कराने की प्रोसेस में अधिकतर भारतीय 2000 रुपये के करेंसी नोटों को बदलने के बजाय जमा करना पसंद कर रहे हैं.
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट में बैंकरों के हवाले से बताया गया कि करीब तीन-चौथाई भारतीय (75 फीसदी लोग) अब तक बैंक खातों में नोट जमा करने का ऑप्शन चुन रहे हैं. जबकि कम ही लोग 2000 रु के नोटों को बदलवाने का ऑप्शन चुन रहे हैं.
आरबीआई के मुताबिक जब 2000 के नोटों को वापस लेने की घोषणा की गई थी, तब सर्कुलेशन में मौजूद इन नोटों की वैल्यू 3.6 लाख करोड़ रुपये थी. अब आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने जानकारी दी है कि 2,000 रुपये के नोटों में से 1.80 लाख करोड़ रुपये यानी लगभग आधे 2000 के नोट वापस आ गए हैं.
आरबीआई के अनुसार, एक बार में केवल 20,000 रुपए के नोट ही एक्सचेंज किए जा सकते हैं, जबकि नोट जमा करने की कोई सीमा नहीं है, जिन पर ब्याज भी मिलेगा.
23 मई को चेंज या डिपॉजिट सुविधा शुरू किए जाने के बाद एसबीआई के पास पहले हफ्ते में कुल 17000 करोड़ रु के 2000 नोट आए. इनमें से 82 फीसदी जमा और बाकी 18 फीसदी चेंज किए गए.
वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB), बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) में 80 से 90 फीसदी तक नोट जमा हुए.