एचडीएफसी बैंक इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी जारी करने वाला देश का पहला बैंक बन गया है. 4 सितंबर को नेशनल ई-गवर्नेंस सर्विस लिमिटेड के साथ साझेदारी कर ई-बैंक गारंटी जारी की. इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी नेशनल ई-गवर्नेंस सर्विस लिमिटेड के पोर्टल पर जारी की जाएगी.
बैंक ने कहा कि इसके जरिए वह ग्राहकों को त्वरित और पेपरलेस सेवाएं मुहैया कराएगा. वहीं 5 सितंबर को आईसीआईसीआई बैंक ने एनईएसएल के साथ पार्टनरशिप करके ई-बैंक गारंटी जारी की.
इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी में पुनः सत्यापन के लिए मैनुअल सिग्नेचर और रिकॉर्ड के लिए अन्य कागजातों के रखरखाव की जरूरत नहीं होती है. इससे बैंक गारंटी की पूरी प्रोसेस आसान हो जाती है.
बैंक गारंटी क्या होती है?
बैंक गारंटी आम तौर पर यह दर्शाती है कि बैंक यह सुनिश्चित करता है कि कर्ज लेने वाले की देनदारियों को पूरा किया जाएगा. अगर देनदार किसी लोन को चुकाने में विफल रहता है तो बैंक उसकी पूर्ति करेगा. बैंक गारंटी से देनदार को बिजनेस या अन्य कामों के लिए लोन लेने में आसानी होती है. आजकल बिजनेस में चैक डिफॉल्ट से बचने के लिए बैंक गारंटी मांगी जाती है. इससे लेनदेन में जोखिम कम होता है.
इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी की जरूरत क्यों?
इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी पेपर आधारित गारंटी का बेहतर विकल्प है. इलेक्ट्रॉनिक वर्जन को आसानी से प्रोसेस, वेरिफाइड और तुरंत डिलीवर किया जा सकता है और बोझिल कागजी कार्यवाही की तुलना में यह प्रक्रिया आसान और कम समय में पूरी हो जाती है. पेपर आधारित बैंक गारंटी जारी करने में सामान्यतः 3 से 5 दिन लग जाते हैं. इस प्रोसेस में आवेदक को बैंक से फॉर्म लेने, लाभार्थी को कोरियर करने, मुहर लगाने और पुन: सत्यापित करने की आवश्यकता होती है. लेकिन इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी में इस पूरी प्रक्रिया से निजात मिलती है.
फाइनेंशियल सर्विस कंस्लटिंग से जुड़े विशेषज्ञ जयकृष्ण जी ने कहा कि बैंकिंग सेक्टर टेक्नोलॉजी और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के दौर से गुजर रहा है. विशेषज्ञों ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी आने वाले वर्षों में पेपर बेस्ड गारंटी की प्रोसेस को बदलने की क्षमता रखता है. उन्होंने कहा कि और बैंक भी जल्द ही ई-बैंक गारंटी देना शुरू कर सकते हैं.