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Budget 2024: अंतरिम बजट से आम जनता को बड़ी उम्मीद, जानें किन क्षेत्रों में हो सकता है बदलाव

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

देश का बजट आज से नौ दिन बाद पेश होने वाला है. एक फरवरी 2024 को संसद में अंतरिम बजट 2023 पेश करने वाली है. इस अंतरिम बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने छठवें बाजट में कई बड़ी घोषणा कर सकती हैं. ये अंतरिम बजट है. अंतरिम बजट एक ऐसा बजट होता है जो एक लोकसभा की अवधि के अंत में एक नई सरकार के चुनावों से पहले पेश किया जाता है. आम बजट का लक्ष्य है कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से लोगों को बेहतर जीवन जीने में सहायता करना है.

वित्त मंत्री पहले ही कह चुकी हैं कि इस बार के अंतरिम बजट में किसी बड़े फैसले की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए. सच्चाई है कि 1 फरवरी, 2024 को जो बजट पेश होगा, वह एक वोट ऑन अकाउंट होगा. सरकार जो बजट पेश करेगी वह सिर्फ नई सरकार के आने तक सरकार के खर्च को पूरा करने लिए होगा.” अप्रैल-मई के आम चुनावों के बाद चुनी गई नई सरकार की ओर से जुलाई में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश किया जाएगा. आइए जानने की कोशिश करते हैं, उन फैसलों के बारे मे जो देश की दिशा और दशा तय करेंगे.

  1. पूंजीगत व्यय

आर्थिक वृद्धि को गति देने को लेकर सरकार आगामी बजट में पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure or Capex) बढ़ाकर बुनियादी ढांचा क्षेत्र के विकास की गति बनाए रख सकती है. सरकार मनरेगा, ग्रामीण सड़क,पीएम किसान सम्मान निधि और पीएम विश्वकर्मा योजना जैसी कई योजनाओं को लेकर अधिक धन आवंटित कर सकती है.

  1. रोजगार सृजन

ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का सृजन सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाने से जुड़े ऐलान कर सकती है. रसायन और सेवाओं से जुड़े क्षेत्रों में उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं का दायरा बढ़ सकता है. इसका एक तरीका ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण पर ज्यादा खर्च करना है.

  1. राजकोषीय घाटा

राजकोषीय घाटे को कम कर भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)के 5.3 प्रतिशत पर लाने विकल्प ले सकती है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,”हमें लगता है कि चुनावी दबाव के बावजूद केंद्र का राजकोषीय घाटा जीडीपी के 5.3 प्रतिशत पर पहुंचकर मजबूत हो जाएगा.”

  1. सामाजिक सुरक्षा योजनाएं

केंद्र सरकार आगामी अंतरिम बजट में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को लेकर ज्यादा धन आवंटित कर सकती है. इससे उसे पर्याप्त धन मिल सकता है. प्रत्यक्ष कर संग्रह बजट अनुमान से करीब 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा होने की संभावना है.

  1. कृषि क्षेत्र में बढोतरी

कृषि अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लक्ष्य में वित्त मंत्री अंतरिम बजट में कुछ उपायों की घोषणा कर सकती है. इस तरह से उपभोग को बढ़ावा मिल सकता है. सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अग्रिम अनुमानों के अनुसार,चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 2022-23 में 4 प्रतिशत से घट 1.8 प्रतिशत होने की उम्मीद है.

  1. बैंकिंग और इश्योरेंस सेक्टर

बैंकिंग और इश्योरेंस सेक्टर भारत की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाता है. इस बार के बजट में किए ऐलान इस क्षेत्र के विकास को गति देने वाले हैं. यह क्षेत्र प्रमुख रूप से नई प्रौद्योगिकियों का एकीकरण, अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करना, डिजिटल कौशल बढ़ाना, नौकरी के अवसर देना है.

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