केंद्रीय कर्मचारियों को झटका लगा है. दरअसल, 18 महीने के डीए बकाया को लेकर सरकार ने राज्यसभा में लिखित जानकारी दी है. सरकार ने मंगलवार को साफ किया कि महंगाई भत्ते के 18 महीने का बकाया जारी करना व्यावहारिक नहीं है. कोरोना काल में केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ता (DA) और पेंशनभोगियों के महंगाई राहत (DR) पर रोक लगा दी गई थी.
वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में साफ किया कि कोरोना काल में रोकी गई केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की बकाया किस्तें जारी करना व्यावहारिक नहीं है.
साल 2020 में कोविड के प्रतिकूल प्रभाव और केंद्र द्वारा किए गए कल्याणकारी उपायों के कारण फाइनेंशियल ईयर 2020-21 के बाद तक उसका राजकोषीय प्रभाव मौजूद रहा.
चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार के विभिन्न कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के संघों ने 18 महीने के डीए और डीआर जारी करने के बारे में सरकार को कई आवेदन दिए थे. गौरतलब है कि सरकार ने महामारी के कारण आए आर्थिक व्यवधानों को देखते हुए एक जनवरी 2020 से एक जनवरी 2021 तक देय डीए और डीआर की 3 किस्तों पर रोक लगा दी थी.
गौरतलब है मोदी सरकार ने दिवाली से एक महीने पहले केंद्रीय कर्मचारियों के बड़ा तोहफा दिया था. केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में 4 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी थी. केंद्रीय कर्मचारियों को अभी 34 फीसदी डीए मिलता था जो अब बढ़कर 38 फीसदी हो गया है. केंद्र सरकार के अलावा झारखंड, छत्तीसगढ़, हरियाणा, यूपी, कर्नाटक, पंजाब और असम सरकार अपने कर्मचारियों के डीए में बढ़ोतरी की घोषणा कर चुकी है.