देश में गेहूं और आटे की कीमत को रोकने के लिए सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. देश में गेहूं का रेट 3000 रुपये क्विंटल से ऊपर चला गया है, जबकि आटा भी 40 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है. सरकार ने अब आम लोगों को राहत देने के लिए 29.50 रुपये किलो की दर से आटा बेचने का ऐलान किया है.
इस तरह लोगों को अब बाजार कीमत से करीब 11 रुपये किलो सस्ता आटा मिलेगा. 6 फरवरी से भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड सस्ता आटा बेचना शुरू कर देंगे.
एक हिन्दी अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) के सचिव संजीव चोपड़ा बताया कि आम लोगों को आटे की आपूर्ति की समीक्षा के दौरान यह फैसला लिया गया है. NAFED और NFCC अलग-अलग आउटलेट्स के जरिए 29.50 रुपये प्रति किलो के हिसाब से आटे की बिक्री करेंगे. सस्ती दरों पर ये आटा विभिन्न रिटेल दुकानों, मोबाइल वैन इत्यादि के माध्यम से बेचा जाएगा. ये संस्थान इसको “भारत आटा” या दूसरे अन्य नाम से बेचेंगे.
डीएफपीडी सचिव के साथ भारतीय खाद्य निगम (FCI), केंद्रीय भंडार, भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (NCCF) की बैठक में फैसला हुआ कि ये संस्थाएं एफसीआई से 3 लाख मीट्रिक टन गेहूं उठाएंगी. इस गेहूं से बने आटे को सस्ते दामों में बेचेगी. केंद्रीय भंडार ने पहले से ही आटा को 29.50 रुपये/Kg के हिसाब से बिक्री शुरू कर दी है. NAFED और NFCC आटे की आपूर्ति इस दाम पर 6 फरवरी से शुरू करेगा.
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की कोई भी कॉरपोरेशन/को-ऑपरेटिव सोसाइटी/फेडरेशन या स्वयं सहायता समूह, केंद्र सरकार से 23.50 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से खरीदकर उपभोक्ताओं को 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बेच सकते हैं. बैठक में एफसीआई द्वारा अपनाई जाने वाली सामान्य प्रक्रिया के अनुसार व्यापारियों, आटा मिलों आदि को ई-नीलामी के जरिए केंद्रीय भंडार से 25 लाख मीट्रिक टन गेहूं बेचने को भी मंजूरी दी गई.