ट्यूबर मनीष कश्यप पर कानूनी शिकंजा और कस गया है. प्रवासी बिहारी मजदूरों की पिटाई का फर्जी वीडियो शेयर करने वाले मनीष पर तमिलनाडु पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगा दिया है. समाचार एजेंसी एएनआई ने मदुरई पुलिस के एक अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी है.
इससे पहले तमिलनाडु की एक अदालत ने बुधवार को मनीष को 19 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. बता दें कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के कथित पिटाई के बारे में मनीष ने गुमराह करने वाले एवं फर्जी वीडियो सोशल मीडिया में शेयर किए जिसके बाद राजनीतिक विवाद शुरू हो गया.
बाद में मनीष को गत 18 मार्च को बिहार के बेतिया जिले से गिरफ्तार किया गया. पुलिस मनीष का घर जब्त करने की तैयारी में थी. इसे देखकर उसने बेतिया के जगदीशपुर पुलिस स्टेशन में सरेंडर कर दिया. मनीष अग्रिम जमानत पाने और अपने खिलाफ दायर सभी मामलों को एक में मिलाने के लिए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. अपनी अर्जी में मनीष ने कहा, ‘मौजूदा सरकार के इशारे पर बिहार एवं तमिलनाडु में उसके खिलाफ कई फर्जी मामले दर्ज हुए हैं.’
पिछले महीने बिहार की एक टीम तमिलनाडु का दौरा किया. आईएएस अधिकारी बालामुरुगन की अगुवाई वाली टीम उन जगहों पर गई जहां पर प्रवासी बिहारी मजदूरों की कथित पिटाई की बात कही गई. इस टीम ने स्थानीय लोगों से बात की और हालात एवं घटना के बारे में जानकारी प्राप्त की. इस टीम ने त्रिपुर जिला प्रशासन की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में भी चर्चा की.
चेन्नई में बड़ी संख्या में बिहारी मजदूर काम करते हैं. बिहार सरकार की टीम यहां उनसे भी बात की. गत 9 मार्च को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला बोला. स्टालिन ने भगवा पार्टी पर प्रवासी मजदूरों पर हमले का अफवाह फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार की टीम यहां से पूरी तरह से संतुष्ट होकर वापस गई है. स्टालिन ने बिहार के अपने समकक्ष नीतीश कुमार से भी फोन पर बात की और प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा का भरोसा दिया.