गुरुवार को भारतीय निर्वाचन आयोग ने ऐलान किया कि 17 वर्ष से अधिक उम्र के युवा अब वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराने के लिए अग्रिम आवेदन कर सकते हैं. इसके साथ ही अब युवाओं को वोटर लिस्ट में नाम रजिस्टर कराने के लिए 1 जनवरी को 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने की पूर्व आवश्यक मानदंड का इंतजार नहीं करना होगा.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय ने सभी राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों, ERO और AERO को यह निर्देश दिया है कि यह सुविधा देने के लिए तकनीकी इंतजाम सुनिश्चित करने में जुट जाएं.
ताकि 18 वर्ष पूरा होने से पहले युवा वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए आवेदन दे सकें. साल में 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1 जुलाई या 1 अक्टूबर को 18 साल पूरा होने पर वोटर्स लिस्ट में नाम अब जुड़ जाएगा.
निर्वाचन आयोग ने यह भी कहा है कि ऐसे सभी युवा जो साल की पहली तारीख को 18 वर्ष के हो जाएंगे वे वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए आवेदन कर सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को चुनाव आयोग की एक उच्चस्तरीय बैठक की गई, जिसमें यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है.
दरअसल, कुछ महीनों पूर्व हुए विधानसभा चुनावों की मतदाता लिस्ट से कई युवाओं के नाम नहीं थे, जिससे वो वोट डालने से वंचित रह गए थे. चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद युवा व्यस्क होने के लगभग एक साल पहले ही वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वा सकेंगे.
हाल ही में चुनाव आयोग ने मतदाताओं द्वारा अपना आधार डाटा साझा करने के लिए भरे गए फॉर्म से कोई भी जानकारी लीक होने की सूरत में मतदाता पंजीकरण अधिकारियों के खिलाफ ‘कड़ी’ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी दी है.
चुनाव आयोग ने दोहरी प्रविष्टियों को हटाने के लिए आधार को मतदाता सूची के साथ जोड़ने की अनुमति देने वाले नियम जारी किए जाने के कुछ दिनों बाद यह चेतावनी जारी की है. आयोग ने इस बात पर भी जोर दिया है कि मतदाताओं द्वारा आधार डाटा साझा करना ‘स्वैच्छिक’ है.