योगी सरकार ने पेश किया साल का सबसे बड़ा बजट, विकास के लिए 7.3 लाख करोड़

योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने प्रदेश के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा बजट प्रस्तुत किया है, जिसका आकार 7 लाख 36 हजार 437 करोड़ 71 लाख रुपये है। इस बजट में 24 हजार 863 करोड़ 57 लाख रुपये की नई योजनाएं भी हैं| जिसमें महिला, युवा, किसान और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया गया है।

योगी सरकार के बजट में 6,06,802.40 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्तियां तथा 1,14,531.42 करोड़ रुपये की पूंजीगत प्राप्तियां हैं। इसमें कर राजस्व का अंश 4,88,902.84 करोड़ रुपये है, जिसमें स्वयं का कर राजस्व 2,70,086 करोड़ रुपये तथा केन्द्रीय करों में राज्य का अंश 2,18,816.84 करोड़ रुपये है।

यूपी के इस वित्तीय वर्ष के बजट में 5,32,655.33 करोड़ रुपये राजस्व लेखे का व्यय है, जबकि 2,03,782.38 करोड़ रुपये पूंजी लेखे का व्यय है। समेकित निधि की प्राप्तियों से कुल व्यय घटाने के बाद 15,103.89 करोड़ रुपये का घाटा अनुमानित है। लोक लेखा से 5,500 करोड़ रुपये की शुद्ध प्राप्तियां भी अनुमानित हैं।

समस्त लेन-देन का शुद्ध परिणाम 9,603.89 करोड़ रुपये ऋणात्मक अनुमानित है। प्रारम्भिक शेष 38,189.66 करोड़ रुपये को हिसाब में लेते हुए अन्तिम शेष 28,585.77 करोड़ रुपये अनुमानित हैं। बजट में राजस्य बचत 74,147.07 करोड़ रुपये अनुमानित है, जबकि राजकोषीय घाटा 86,530.51 करोड़ रुपये अनुमानित है, जो वर्ष के लिए अनुमानित सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 3.46 प्रतिशत है।

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