जम्मू-कश्मीर| मार्च 2019 में जम्मू बस स्टैंड पर ग्रेनेड हमले में शामिल हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी यासिर भट के दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में अपने आवास से लापता होने की खबर है. इसके बाद जम्मू क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है.
अधिकारियों के मुताबिक, भट जमानत पर जेल से बाहर था, वह था, इस हमले में एक नागरिक की मौत हुई थी और 28 लोग घायल हुए थे.
यासिर भट के लापता होने के बाद पुलिस ने पूरे इलाके में उसके पोस्टर चस्पा कर दिए हैं और जनता से उसके ठिकाने और उसके बारे में जानकारी देने की अपील की है.
इससे पहले 27 जुलाई को, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डोडा जिले में हाल के आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार तीन आतंकवादियों के स्केच जारी किए थे, जिसमें 16 जुलाई को डेसा जंगल के उरारबागी इलाके में घात लगाकर किए गए हमले में एक सेना अधिकारी और तीन सैनिक शहीद हो गए थे. पुलिस ने सभी आतंकियों को पकड़ने के लिए सूचना देने वाले को 5 लाख रुपये के इनाम की भी घोषणा की है. पुलिस ने कहा, तीनों डोडा और डेसा के ऊपरी इलाकों में जा रहे हैं.
बता दें कि 8 जुलाई को कठुआ के बदनोटा गांव में घात लगाकर किए गए आतंकी हमले में पांच सैनिक शहीद हो गए थे. इसके बाद 16 जुलाई जम्मू क्षेत्र में एक बार फिर से आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हो गई थी. पिछले दो महीनों में घाटी में कई बार सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई. इस साल अब तक हुए 11 आतंकी हमलों में 28 लोगों की जान जा चुकी है.
बता दें कि केंद्र ने 30 जुलाई को जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए उठाए जा रहे कई उपायों की सूची दी, जिसमें आतंकवादियों के रणनीतिक समर्थकों की पहचान करना, आतंक के वित्तपोषण पर रोक लगाना और आतंकवाद विरोधी ग्रिड को बढ़ाना शामिल है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि, “आतंकवाद के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है. सरकार का दृष्टिकोण आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट करना है. जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जा रहा है.”