पुलिस को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने और पहलवानों के आरोंपो की पुष्टि करने वाला कोई सबूत अब तक नहीं मिला है.
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस 15 दिनों के भीतर मामले पर अपनी अंतिम रिपोर्ट दाखिल करेगी. सूत्रों ने कहा, “15 दिनों के भीतर हम अदालत में अपनी रिपोर्ट दाखिल करेंगे. यह चार्जशीट या अंतिम रिपोर्ट के रूप में हो सकती है.”
पहलवानों के दावे को साबित करने के लिए कोई सहायक सबूत नहीं है. उन्होंने कहा, “प्राथमिकी में जोड़े गए POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012) की धाराओं में सात साल से कम का कारावास है इसलिए जांच अधिकारी (IO) मांग के अनुसार गिरफ्तारी के लिए आगे नहीं बढ़ सकते हैं.” उन्होंने कहा कि न तो वह गवाह को प्रभावित कर रहा है और न ही सबूतों को नष्ट कर रहा है.
इस बीच एक सभा में ब्रजभूषण शरण सिंह ने एक सभा में कहा कि मैंने कहा था कि अगर एक भी आरोप मेरे ऊपर साबित हो जाएगा तो मैं स्वयं फांसी पर लटक जाऊंगा. आज भी मैं उसी बात पर कायम हूं. 4 महीने हो गए वो मेरी फांसी चाहते हैं लेकिन सरकार मुझे फांसी नहीं दे रही है तो वो (पहलवान) अपना मेडल लेकर गंगा में बहाने जा रहे हैं. मुझ पर आरोप लगाने वालों गंगा में मेडल बहाने से बृज भूषण को फांसी नहीं मिलेगी. अगर तुम्हारे पास सबूत है तो न्यायलय को दो और न्यायालय मुझे फांसी देगा तो मुझे वो स्वीकार है.
बीतें दिनों भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली और उनकी गिरफ्तारी की मांग करने वाली विनेश फोगट के साथ ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक उत्तराखंड के हरिद्वार पहुंचे. पहलवानों ने अपने पदक गंगा में विसर्जित करने का फैसला किया था. किसान नेता नरेश टिकैत के हस्तक्षेप करने के बाद पांच दिनों के लिए फैसला टाल दिया.