भारत ने मिसाइल तकनीक की क्षेत्र में एक और छलांग लगाई है. नौसेना और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने शुक्रवार को सतह से हवा में मार करने वाली वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज मिसाइल (VL-SRSAM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया.डीआरडीओ के अधिकारियों ने बताया कि इस मिसाइल का टेस्ट ओडिशा के चांदीपुर तट पर एक युद्धपोत से हुआ.
अधिकारियों ने बताया कि VL-SRSAM युद्धपोत से दागे जाने वाले एक हथियार है. यह अपनी तरफ आने वाले अलग-अलग तरह के हवाई खतरों को तेजी से निष्क्रिय करेगा. आज के परीक्षण में युद्धपोत की तरफ अत्यंत तेजी के साथ आ रहे एक हवाई लक्ष्य को निशाना बनाया गया.
मिसाइल ने सफलतापूर्वक एवं सटीकता के साथ इस लक्ष्य को भेद दिया. मिसाइल पथ की निगरानी, उसकी सटीकता एवं प्रभाव का आंकलन करने के लिए आईटीआर चांदीपुर की ओर से उपकरण लगाए गए थे. डीआरडीओ एवं नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने मिसाइल के इस परीक्षण को देखा.
इससे पहले गत 18 मई को डीआरडीओ ने एक बड़ा सफल परीक्षण किया. डीआरडीओ ने पहली बार स्वदेश निर्मित नैवल एंटी शिप मिसाइल का सफल परीक्षण किया. यह परीक्षण ओडिशा के आईटीआर बालासोर में नौसेना के हेलिकॉप्टर सीकिंग 42बी से किया गया. इस परीक्षण को बेहद खास माना गया. इस टेस्ट ने बताया कि उच्च मिसाइल तकनीक में भारत आत्म-निर्भर बन रहा है. साथ ही यह नौसेना की स्वदेशी हथियारों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है.
परीक्षण में मिसाइल ने अपने सभी निर्धारित लक्ष्यों को सफलता पूर्वक हासिल किया. यह नौसेना के लिए स्वदेश निर्मित पहला एंटी-शिप मिसाइल सिस्टम है जिसे हवा से दागा गया. हेलिकॉप्टर से छोड़े जाने के बाद मिसाइल सभी तय मानकों एवं मानदंडों पर सटीक उतरते हुए अपने निर्धारित लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदा.
परीक्षण क्षेत्र में लगाए गए सेंसर्स ने मिसाइल के पथ की निगरानी की और उसकी सभी गतिविधियों को रिकॉर्ड किया. इस मिसाइल सिस्टम में अत्याधुनिक उपकरण लगे हैं. मिसाइल के सफल परीक्षण को डीआरडीओ एवं नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने देखा.