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चंद्र ग्रहण 2022: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, जानें अगले साल कब लगेगा

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सांकेतिक फोटो

साल 2022 का आखिरी चंद्र ग्रहण समाप्त हो चुका है. ये मेष राशि में लगा था. अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में शाम 4:23 बजे पूर्ण चंद्र ग्रहण हो गया.

इसके बाद यह कोलकाता, दिल्ली, नोएडा, पटना, लखनऊ, भोपाल, रांची, मुंबई, जयपुर, अहमदाबाद, हरिद्वार भुवनेश्वर और कटक में भी देखा गया.

स्थान और काल के आधार पर चंद्र ग्रहण के प्रारंभ समय में थोड़ा-बहुत अंतर हो सकता है, मगर समापन ज्यादातर जगहों पर एक ही समय पर होगा. चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है, इसलिए अभी यह जारी है.

सूतक काल का समय सुबह 9 बजकर 21 मिनट से प्रारंभ हुआ. हालांकि, स्थान के आधार पर सूतक काल के प्रारंभ समय में थोड़ा बदलाव हो सकता है. इस बार का चंद्र ग्रहण कार्तिक पूर्णिमा को लग रहा है.

अब अगला चंद्र ग्रहण 5 मई 2023 दिन शुक्रवार को लगेगा-:

साल 2022 के कार्तिक पूर्णिमा के बाद अगला चंद्र ग्रहण सीधा 2023 के मई और अक्टूबर में लगेगा, जो भारत के कई हिस्सों में दिखाई देगा. यह चंद्र ग्रहण आंशिक रूप से लगेगा. बता दें कि पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा तीनों एक रेखा में अवस्थित हो जाने से चंद्रग्रहण की स्थिति पैदा होती है. वास्तव में यह स्थिति पूर्णिमा के दिन देखी जाती है.

2023 में चंद्र ग्रहण कब?
साल 2023 में पहला चंद्रग्रहण 5 मई और दूसरा 29 अक्टूबर को लगेगा. यह आंशिक चंद्रग्रहण होगा जो कि इससे पहले 19 नवंबर 2021 में लगा था. इसके भारत में दिखाई देने वाला पूर्ण चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को होगा.

कितने देर तक रहेगा चंद्रग्रहण? 29 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण 01.06 बजे से शुरू होकर 02.22 बजे तक समाप्त हो जाएगा. इस दौरान ग्रहण की अवधि एक घंटे सोलह मिनट और सोलह सेकंड तक रहेगी.

आने वाले सालों के चन्द्र ग्रहण की तारीख-:
2023- 5 मई और 29 अक्टूबर
2024- 25 मार्च और 18 सितंबर
2025- 14 मई और 7 सितंबर
2026- 3 मार्च और 28 अगस्त
2027- 21 फरवरी

चंद्रग्रहण के दौरान न करें ये गलतियां:

  1. चंद्र ग्रहण के दौरान नींद से न सोएं. ज्योतिष शास्त्र के माने तो उस समय सोने से व्यक्ति में आलस और रोग की बढ़ोतरी होती है.
  2. ग्रहण के दौरान किसी भी नुकीली और धारदार चीजों के इस्तेमाल से बचें.
  3. चंद्र ग्रहण काल में पूजा अर्चना या कोई शुभ काम न करें. लेकिन, आप अपने मन में अपने इष्ट देव का ध्यान कर सकते हैं.
  4. चंद्रग्रहण के बाद पानी में दो-चार बूंद गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें. इसके बाद समर्थ अनुसार दान जरूर करें.

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