राजस्थान के जयपुर से हैरान कर देने वाला कैश कांड सामने आने के बाद गहलोत सरकार की ओर से बड़ा एक्शन लिया गया है. सरकार ने इस कैश कांड के आरोपी और सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DOIT) के संयुक्त निदेशक वेद प्रकाश यादव को निलंबित कर दिया गया है. सरकार की ओर से यह एक्शन एक दिन पहले भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा उनकी गिरफ्तारी के बाद लिया गया है.
बता दें, पुलिस ने शुक्रवार को उनकी अलमारी से 2.31 करोड़ रुपये नकद और लगभग 1 किलो सोने के बिस्कुट बरामद किए थे. इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सौंप दिया था.
शुक्रवार को पुलिस और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने योजना भवन स्थिति सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के दफ्तर में छापेमारी की थी. इस दौरान अधिकारियों ने एक अलमारी खोली तो आंखे फटी की फटी रह गई. अलमारी से बड़ी मात्रा में 2000 और 500 के नोट बरामद किए गए थे. जब जांच हुई तो पता चला कि 2.31 करोड़ अलमारी में था. इसके अलावा 1 किलो सोने के बिस्कुट बरामद किए गए थे.
हालांकि, तब यह नहीं पता चल पाया था कि यह कैश किसका था, लेकिन बाद में एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया, जिसमें विभाग के संयुक्त निदेशक वेद प्रकाश यादव एक लैपटॉप बैग को ऑफिस के बेसमेंट में रखी एक अलमारी में रखते नजर आए. इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जब इस मामले में पूछताछ की तो संयुक्त निदेशक वेद प्रकाश यादव टाल-मटोल करते रहे, लेकिन जब सख्ती से पूछताछ हुई तो उन्होंने रिश्वत लेने की बात कबूल की. अभी तक सामने आई जानकारी के मुताबिक, यह रकम अलग-अलग ठेकेदारों से विभिन्न निविदाओं के बदले ली गई है. वहीं यादव ने 2016 में नोटबंदी के दौरान करीब 38 लाख रुपये से अलमारी में मिला सोने खरीदा था. पुलिस का कहना है कि इस मामले में आगे की जांच जारी है.