उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर राज्य सरकार ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. मंगलवार को हुई कैबिनेट में पंचायत चुनाव में आरक्षण नियमावली के पास होने के साथ ही अब पंचायतों में चक्रानुक्रम आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है. अब सभी 75 जिलों में एक समान आरक्षण लागू हो सकेगा.
पंचायती राज नियमावली से 10 में संशोधन की दो धाराएं हटाई गई है. अब साल 2011 की जनसंख्या के आधार पर आरक्षण किया जाएगा. अनुसूचित जनजाति की महिलाओं को पहली वरीयता दी जाएगी. इनकी आबादी नहीं होने पर अनुसूचित जाति और क्रमशः पिछड़ा वर्ग को आरक्षण में वरीयता प्रदान की जाएगी.
ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्यों का पद का आरक्षण ब्लॉक को इकाई मानकर निर्धारित होगा. जिला पंचायत सदस्य पद के लिए जिलों को इकाई माना जाएगा. जिला पंचायत अध्यक्ष पद का आरक्षण प्रदेश स्तर पर तय होगा. 17 मार्च के पहले आरक्षण का यह रोस्टर पूरा कर लिया जाएगा.
पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग और यूपी सरकार को आदेश दिया कि ग्राम पंचायत चुनाव 30 अप्रैल तक करा लिए जाएं ताकि 15 मई तक सभी पंचायतों का गठन किया जा सके. हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण का कार्य 17 मार्च तक पूरा करने के निर्देश भी दिए.
हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव के साथ-साथ 15 मई तक जिला पंचायत सदस्य और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव कराने के भी निर्देश दिए हैं. विनोद उपाध्याय की याचिका पर हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया था. इससे पहले हाईकोर्ट ने मई में चुनाव कराने के चुनाव आयोग के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया था.