मंगलवार को यूपी पुलिस ने झांसी के पास पारीछा डैम के नजदीक असद और गुलाम के एनकाउंटर का पूरा सीक्वेंस रीक्रिएट किया. ये रीक्रिएशन कई सवालों के जवाब हासिल करने और खुद को सवालों से घिरने से बचाने के लिए की गई पुलिस की एक कार्रवाई है.
एनकाउंटर हमेशा ही सवालों में घिरे होते हैं..लिहाजा पुलिस उन सवालों के जवाब हर मुमकिन तरीके से इकट्ठा करने लगती है जिनके जवाब जरूरीतौर पर पूछे ही जाते हैं…. इसी सिलसिले में यूपी पुलिस और एसटीएफ ने 13 अप्रैल को झांसी के पास हुए असद एनकाउंटर का रीक्रिएशन किया है. ये रीक्रिएशन 25 अप्रैल को ऐन उसी जगह पर किया गया जहां पर असद और उसके साथ गुलाम मोहम्मद का एनकाउंटर हुआ था.
यूपी पुलिस की एसआईटी ने उस पूरे वाकये को फिर से हू ब हू उसी तरह से रीक्रिएट किया जैसा उस रोज एनकाउंटर के बाद पुलिस के मुताबिक सारा सच सामने आया था. 40 सालों तक जरायम की दुनिया से लेकर सियासत की दुनिया में जिस अतीक अहमद…का सिक्का सबसे खरा था, उसी माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ को कैमरे के सामने तीन शूटरों ने मौत के घाट उतार दिया.
13 अप्रैल को ही अतीक अहमद के पांच लाख इनामी बेटे असद और अतीक गैंग के शार्प शूटर गुलाम मुहम्मद का खेल खत्म हो गया. दोनों की यूपी पुलिस उमेश पाल हत्याकांड में तलाश रही थी. योगी राज में अतीक कुछ भी मैनेज नहीं कर पाया…और असद का एनकाउंटर हो गया.
सोशल मीडिया पर लोग असद की मौत पर तरह-तरह के मीम्स बना रहे हैं. कुछ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और गुलाम के एनकाउंटर की खबर इंटरनेट पर खूब वायरल हुई.