मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में 7 साल की मासूम बच्ची से कुकर्म के मामले में सांसद प्रतिनिधि की नियुक्ति को लेकर कई नेता और विधायक लामबंद हुए. पूर्व मंत्री मानवेंद्र सिंह के बाद ललिता यादव ने भी केंद्रीय मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. भारी विरोध की वजह से अब सांसद और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक ने सभी प्रतिनिधियों को हटाने का आदेश जारी किया है. इसे लेकर उन्होंने छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी कलेक्टर को पत्र भी लिख दिया है.
दरअसल, केंद्रीय मंत्री पर आरोप लगाया जा रहा था कि उन्होंने अपराधियों को सांसद प्रतिनिधि बनाया है. सदस्यता अभियान की बैठक का भी बहिष्कार हुआ था. पार्टी ने केंद्रीय मंत्री समेत ललिता यादव और मानवेंद्र सिंह को तलब किया था, जिसकी वजह से वीरेंद्र खटीक ने ये फैसला लिया.
केंद्रीय मंत्री ने पत्र में लिखा, मेरी तरफ से जिले में विभिन्न विभागों एवं स्थानों पर कार्य को सहज बनाने के लिए सांसद प्रतिनिधियों की नियुक्ति की गई थी. विभिन्न विषयों के आने के कारण एवं पार्टी की रीति नीति एवं सिद्धांतों के तहत पार्टी हित में समस्त सांसद प्रतिनिधियों की नियुक्ति स्थगित की जाती है.
बता दें कि, टीकमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद और केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने सबसे ज्यादा 132 लोगों को सांसद प्रतिनिधि बनाया था. लेकिन सांसद प्रतिनिधियों की नियुक्ति के बाद से ही दोनों जिलों में उनका विरोध हो रहा था. किसी पर क्रिमिनल तो किसी पर माफिया होने तक के आरोप लगे.
किस मामले पर हुआ एक्शन?
आपको बता दें कि बीते 21 सितंबर को टीकमगढ़ में सांसद प्रतिनिधि पर 7 साल की बच्ची के साथ कुकर्म का मामला सामने आया था. मासूम पीड़िता और उसके परिजन की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने पॉक्सो एक्ट समेत विभिन्न धाराओं में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया था. मामला दर्ज होते ही केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक ने आरोपी सांसद प्रतिनिधि आशीष तिवारी को 21 सितंबर को पद से हटा दिया.