गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने भारत बायोटेक के नेजल कोविड-19 वैक्सीन इनकोवैक लॉन्च की. हीट्रोलोगस बूस्टर के लिए ये दुनिया की पहली इंट्रानेजल कोविड वैक्सीन है. भारत बायोटेक की ओर से बनाइ गई ये इंट्रानेजल वैक्सीन सरकार को 325 रुपये प्रति शॉट और निजी टीकाकरण केंद्रों को 800 रुपये प्रति शॉट के हिसाब से मिलेगी.
भारत बायोटेक को दिसंबर 2022 में इस वैक्सीन के लिए प्राथमिक 2-खुराक और हीट्रोलोगस बूस्टर के रूप में मंजूरी मिली थी. इससे पहले केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने 18 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए आपातकालीन स्थितियों में इंट्रानेजल वैक्सीन के प्रतिबंधित इस्तेमाल को मंजूरी दी थी. ये एक लागत प्रभावी कोविड वैक्सीन है जिसमें सुई, अल्कोहल वाइप्स, बैंडेज आदि की जरूरत नहीं होती है.
‘कोविड-19 इंट्रानेजल टीका’ (बीबीवी154) दिसंबर में तीसरे चरण के नियंत्रित चिकित्सकीय परीक्षण में सुरक्षित, वहनीय और प्रतिरोधी क्षमता से युक्त साबित हुआ था. तब भारत बायोटेक ने बताया था कि बीबीवी154 को विशेष तौर पर नाक के रास्ते देने के लिए तैयार किया गया है. कंपनी ने कहा कि इसके साथ ही नाक से टीका देने की प्रणाली को इस तरह से डिजाइन व विकसित किया गया है जिससे यह निम्न व मध्य आय वाले देशों के लिए किफायती हो.
कंपनी ने कहा, ‘इंट्रानेजल टीका, बीबीआई154 श्वांस मार्ग के ऊपरी हिस्से में एंटीबॉडी पैदा करता है, जिससे कोविड-19 के संक्रमित करने और प्रसार करने की संभावित क्षमता कम करने में मदद मिलती है. इस दिशा में और अध्ययन की योजना बनाई गई है.’
गौरतलब है कि बीबीवी154 की प्राथमिक खुराक (शुरुआती दो खुराक) के तौर पर प्रभाव और कोविड-19 के अन्य टीके (कोविशील्ड या कोवैक्सीन) की दो शुरुआती खुराक लेने वालों को तीसरी खुराक के तौर पर बीबीवी154 देने पर होने वाले असर का आकलन करने के लिए दो अलग-अलग और साथ-साथ क्लीनिकल परीक्षण किए गए.
डीसीजीआई ने अलग से कंपनी को कोवैक्सीन के साथ बीबीवी154 (इंट्रानेजल)की प्रतिरोधक क्षमता और सुरक्षा की तुलना करने के लिए तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण करने की भी अनुमति दी थी. यह परीक्षण नौ स्थानों पर करने की अनुमति दी गई थी.