लोकसभा में नया इनकम टैक्स बिल पेश, क्या हैं नए बदलाव!

संसद का बजट सत्र जारी है. सरकार ने इस दौरान, गुरुवार को लोकसभा में नया इनकम टैक्स बिल पेश किया. ये बिल इनकम टैक्स एक्ट 1961 की जगह लेगा. 63 साल बाद बदले जा रहे इनकम टैक्स बिल में कुछ बदलाव किए गए हैं. सोमवार को आई ड्राफ्ट कॉपी में इसकी जानकारी सामने आई है.

इनमक टैक्स एक्ट, 2025 को पहले से पारदर्शी, सरल और टैक्सपेयर के अनुकूल बनाने का दावा किया गया है. इन बिल में टैक्स सिस्टम को आसान बनाने के लिए डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने. टैक्स चोरी से लेकर टैक्स पेमेंट में सुधार के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं.

नए इनकम टैक्स बिल को पहले की तुलना में संक्षिप्त और ज्यादा आसान बनाया गया है. 1961 वाले इनकम टैक्स बिल में जहां 880 पेज थे तो वहीं अब इसमें शामिल पन्नों की संख्या को घटाकर 622 कर दिया गया है. इसमें 536 धाराएं और 23 चैप्टर हैं.

इस बिल में टैक्स ईयर का नया आइडिया लाया जा रहा है. ये अब तक इस्तेमाल किए गए असेसमेंट ईयर और प्रीवियस ईयर को रिप्लेस करेगा. अब तक टैक्स भरते वक्त टैक्सपेयर्स असेसमेंट और फाइनेंशियल ईयर में परेशान होते थे पर अब सिर्फ टैक्स ईयर का इस्तेमाल होगा. अब फाइनेंशियल ईयर के पूरे 12 महीने को टैक्स ईयर ही कहा जाएगा.

न्‍यू बिल के तहत आप अगर वेतन पाते हैं तो आपको पुराने टैक्‍स रिजीम के तहत 50,000 रुपये तक का स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन मिलेगा. हालांकि, आप अगर न्‍यू टैक्‍स रिजीम को चुनते हैं, तो फिर आपको 75,000 रुपये तक का डिडक्शन मिलेगा. न्यू टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब में कोई चेंज नहीं होगा.

इसमें, शेयर बाजार के लिए शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन की समय सीमा में कोई चेंज नहीं किया गया है. सेक्शन 101 (b) के तहत साफ किया गया कि 12 महीने तक की अवधि को ही शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस माना जाएगा. इसकी दरें भी समान ही हैं. शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स 20 फीसदी पर बरकरार है. वहीं, लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेन में 12.5 फीसदी का टैक्‍स लागू होगा.

इस बिल के तहत NPS कंट्रीब्‍यूशन, इंश्‍योरेंस और पेंशन पर टैक्‍स डिडक्‍शन जारी रहेगा. ग्रेच्‍युटी, पीएफ कंट्रीब्‍यूशन और रिटायरमेंट फंड को भी टैक्‍स छूट के दायरे में रखा गया है. इसके अलावा, ईएलएसएस म्‍यूचुअल फंड में निवेश पर भी टैक्‍स राहत दी जाएगी.

बिल मे टैक्स चोरी के खिलाफ कड़े प्रावधान हैं. टैक्स चोरी करने वालों पर जुर्माने और सख्ती का प्रावधान किया गया है. जानबूझकर टैक्स चोरी करने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमा चल सकता है. ऐसा करने वाले लोगों से अधिक ब्याज और फाइन वसूला जा सकता है. इसके अलावा, अपनी आय छिपाने की कोशिश करने वाले लोगों का अकाउंट भी सीज हो सकता है. अधूरी या गलत जानकारी देने पर भी जुर्माना लग सकता है.

नए बिलम कृषि आय को कुछ शर्तों के तहत कर-मुक्त यानी Tax Free कर दिया गया है. रिलिजियस ट्रस्ट, संस्थाओं और दान राशि पर भी टैक्स में छूट मिलेगी.

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