बुधवार (6 दिसम्बर) को गुजरात के लिए को गौरव का क्षण आया. जब संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की ओर से बोत्सवाना में आईसीएच के अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन यहां के प्रसिद्ध पारंपरिक लोक नृत्य गरबा को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (आईसीएच) सूची में शामिल किया गया है. यह घोषणा गुजरात सहित देश के करोड़ों लोगों के लिए गर्व का अवसर है. गरबा को इसी वर्ष नामांकित किया गया.
पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने एक्स पर इसकी सूचना दी. भारत से यह आईसीएच की सूची में शामिल होने वाला 15वां एलिमेंट है. यह घोषणा गुजरात सहित देश के करोड़ों लोगों के लिए गर्व का अवसर है. गरबा को इसी वर्ष नामांकित किया गया.
इसे देखते हुए 29 जिलों के साथ-साथ राज्य के चार आईकॉनिक स्थलों पर गरबा के साथ विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह घोषणा गुजरात सहित देश के करोड़ों लोगों के लिए गर्व का अवसर होगा.
इससे पहले इस वर्ष बंगाल के दुर्गा पूजा को भी इस सूची में शामिल किया जा चुका है. भारत के योग, वैदिक मंत्रोच्चार, लद्दाख में बौद्ध मंत्रोच्चार, छाऊ नृत्य, रामलीला, नवरोज़, कुंभ मेला और अन्य को भी यूनेस्को की आईसीएच सूची में शामिल किया गया जा चुका है.