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अलविदा 2024: वर्ष 2024 इन हस्तियों ने दुनिया को कहा अलविदा!

साल 2024 खत्म होने में बस कुछ ही दिन बाकी हैं. यह साल किसी के लिए अच्छा रहा, तो किसी को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. इसी साल राजनीति, बिजनेस और मनोरंजन कई क्षेत्र की बड़ी हस्तियां दुनिया को छोड़कर चली गई. इस लिस्ट में रतन टाटा, जाकिर हुसैन, पंकज उधास और शारदा सिन्हा से लेकर सीताराम येचुरी तक का नाम शामिल है. जिन्हें हमने साल 2024 में नम आंखों से अलविदा कहा.

नए साल 2025 का स्वागत करने के लिए लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन साल के गुजरने से पहले एक नजर 2024 में पीछे चलकर उन हस्तियों को याद करते हैं जो हमें अलविदा कर गई.

रतन टाटा
बिजनेस टाइकून और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा ने 9 अक्तूबर, 2024 को 86 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कहा. वह लंबे समय से बीमार चल रहे रतन टाटा ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली थी. आम आदमी से लेकर, पक्ष-विपक्ष के नेताओं और बॉलीवुड सितारों ने उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दी थी. उद्योग के क्षेत्र में उनकी विशिष्ट सेवा के लिए दिया पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. भारत के विकास में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा.

जाकिर हुसैन
2024 में दुनिया को अलविदा कहने वाले सितारों की लिस्ट में तबला के महान कलाकार और ‘उस्ताद’ जाकिर हुसैन का नाम भी शामिल है. फेफड़े की खतरनाक बीमारी इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से जंग लड़ रहे उस्ताद ने 15 दिसंबर को 73 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. महज सात साल की उम्र में जाकिर हुसैन ने अपना पहला संगीत कार्यक्रम किया था और छह दशकों से भी ज्यादा समय तक अपनी शानदार प्रतिभा एवं जोश से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करते रहे. हुसैन को 1988 में पद्मश्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.

शारदा सिन्हा
शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के नाम जाना जाता था. छठ गीतों को एक नया आयाम देने वाली शारदा सिन्हा ने 5 नवंबर को 72 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. वो मल्टीपल मायलोमा (एक प्रकार का ब्लड कैंसर) से जंग लड़ रही थीं. सुपौल में जन्मीं शारदा सिन्हा छठ पूजा और विवाह जैसे अवसरों पर गाए जाने वाले लोकगीतों के कारण अपने गृह राज्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बेहद मशहूर रहीं. उनका योगदान भारतीय लोक संगीत में अद्वितीय है.

पंकज उधास
मशहूर गजल गायक पंकज उधास का 72 साल की उम्र में 26 फरवरी को निधन हो गया. वह पैंक्रियाटिक कैंसर से पीड़ित थे. उनके गजलों ने लोगों के दिलों में एक बड़ा स्थान बनाया है. उनका निधन भारतीय संगीत जगत के लिए एक बड़ी क्षति है. ‘चिट्ठी आई है…’, ‘न कजरे की धार…’ और ‘थोड़ी-थोड़ी पिया करो…’ जैसे सदाबहार गानों से पंकज उधास को फेम मिला. गायन के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

सीताराम येचुरी
CPM के महासचिव और लेफ्ट फ्रंट के प्रमुख नेता सीताराम येचुरी ने 12 सितंबर, 2024 को 72 साल की उम्र में दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली. वह लंबे समय से सांसों के संक्रमण से जूझ रहे थे. सीताराम येचुरी भारतीय राजनीति के बड़े नामों में से एक थे, वह सीताराम येचुरी साल 2005 से 2017 तक राज्यसभा सांसद भी रहे.

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