एक नज़र इधर भी

इन रेजिमेंट्स के युद्धघोष सुन कर जंग में शेर की तरह टूट पड़ते हैं जवान

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भारतीय सेना को दुनिया की पांच सबसे शक्तिशाली सेनाओं में शुमार किया जाता है. भारतीय सेना में तमाम रेजीमेंट्स हैं जो इसको अजेय बनाती हैं. हर रेजीमेंट का अपना एक वॉर क्राई यानी युद्धघोष है. युद्धघोष का मतलब है युद्ध के दौरान सैनिक को प्रेरणा देने वाले वो जोशीले शब्द जो उसे दुश्मन पर भारी पड़ने के लिए प्रेरित करें.

आप को यह जानकर आश्चर्य होगा कि कई रेजीमेंट सैनिकों में जोश भरने के लिए जय श्री राम, बजरंग बली की जय और दुर्गा माता की जय के नारे लगाती हैं. ये रेजीमेंट जय श्री राम का युद्धघोष अंग्रेजों के समय से ही लगा रही हैं. अंग्रेजों को इससे कोई ऐतराज नहीं था. अंग्रेजों को भी लगता था कि धार्मिक युद्धघोष सैनिकों में ज्यादा जोश भरते हैं और उन्हें एकजुट करते हैं.

भारतीय सेना (थल सेना), वायु सेना और नौ सेना का वॉर क्राई एक ही है, ‘भारत माता की जय.’ लेकिन हर रेजीमेंट ने अपने-अपने वॉर क्राई अपनाए हुए हैं. आज हम आपको भारतीय सेना की कुछ रेजीमेंट्स के भगवान राम, बजरंग बली और मां दुर्गा के नाम पर लगने वाले युद्धघोष यानी वार क्राई से अवगत कराने जा रहे हैं. जिन्हें जानने के बाद आप को भी अपनी सेना पर गर्व होगा कि किस तरह वो युद्ध के मैदान में भी अपने ईष्ट देवों को नहीं भूलती है.

राजपूताना रायफल्स-:
राजपूताना रायफल्स सेना की सबसे पुरानी राइफल रेजीमेंट है. वर्ष 1921 में इसका गठन किया गया था. उस समय यह ब्रिटिश इंडियन आर्मी के तहत आती थी. आजादी के बाद से यह रेजीमेंट लगातार पाकिस्तान को छठी का दूध याद दिलाती रही है. इसने अपना वॉर क्राई रखा है, ‘राजा रामचंद्र की जय.’ वीर भोग्या वसुंधरा है इस रेजीमेंट का मोटो यानी आदर्श वाक्य है.

टेरिटोरियल आर्मी
टेरिटोरियल आर्मी भारतीय सेना का एक सहायक सैन्य संगठन है. इसका काम भारतीय सेना को सहायता और सेवाएं प्रदान करना है. इसका गठन आजादी के बाद नौ अक्टूबर 1949 को किया गया था. इसने अपना वॉर क्राई ‘जय श्री राम’ बनाया है. इसका आदर्श वाक्य, ‘सावधानी से शूरता’ है.

कुमांऊ रेजीमेंट
कुछ रेजीमेंट ने बजरंग बली के नाम पर अपना वॉर क्राई रखा है. उन्हीं में से एक है कुमांऊ रेजीमेंट. इसका गठन 1922 में किया गया था. कुमांऊ रेजीमेंट का युद्धघोष ‘कालिका माता की जय, बजरंग बली की जय, दादा किशन की जय’ है. इसका आदर्श वाक्य है, ‘पराक्रमों विजयते’, जो संस्कृत में है.

बिहार रेजीमेंट
बिहार रेजीमेंट सेना की सबसे पुरानी इंफ्रेंट्री रेजीमेंट है. इसका गठन 1941 में किया गया था. इसका मुख्यालय बिहार के दानापुर में है. इसी रेजीमेंट ने जून 2020 में गलवान घाटी में चीनी सेना (पीपुल्स लिब्रेशन ऑर्मी) को करारी शिकस्त दी थी. बिहार रेजीमेंट का वॉर क्राई जय बजरंग बली है. इसका आदर्श वाक्य है, ‘कर्म ही धर्म.’

जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स
जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स भारतीय सेना का एक सैन्य दल है. इसका गठन 1821 में किया गया था. जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स का युद्धघोष ‘दुर्गा माता की जय’ है. इसका आदर्श वाक्य ‘प्रस्थ रनवीत्र’ (संस्कृत में) है.

गढ़वाल राइफल्स
गढ़वाल राइफल्स की स्थापना बंगाल ऑर्मी के तहत वर्ष 1887 में हुई थी. यह बंगाल ऑर्मी की 39वीं रेजीमेंट थी. बाद में यह ब्रिटिश ऑर्मी का हिस्सा बनी. स्वतंत्रता के बाद यह भारतीय सेना की एक रेजीमेंट बन गई.इसका वॉर क्राई, ‘बदरी विशाल की जय’ है. इसका आदर्श वाक्य युद्ध्या कृत निश्चया है. यह संस्कृत में है.

जाट रेजीमेंट
जाट रेजीमेंट एक इंफ्रेंट्री रेजीमेंट है. इस रेजीमेंट ने वर्ष 1839 से 1947 के बीच 19 युद्ध सम्मान जीते. आजादी के बाद इसे पांच युद्ध सम्मानों से नवाजा गया. रेजीमेंट को आठ महावीर चक्र, आठ कीर्ति चक्र, 39 वीर चक्र और 170 सेना मेडल्स मिल चुके हैं. इसका वॉर क्राई, जाट बलवान, जय भगवान है. इसका आदर्श वाक्य संगठन वा वीरता है.

डोगरा रेजीमेंट
डोगरा रेजीमेंट का गठन वर्ष 1922 में किया गया था. तब इसे 17 डोगरा रेजीमेंट नाम दिया गया था. डोगरा रेजीमेंट के निर्मल चंदर विज 1 जनवरी 2003 को सेना प्रमुख नियुक्त हुए थे और वह 2005 तक इस पद पर रहे थे. इस रेजीमेंट का युद्घोष, ‘ज्वाला माता की जय’ है. इसका आदर्श वाक्य कर्तव्यम अनवत्मा है. यह संस्कृत में है.

इसके अलावा पंजाब रेजीमेंट, सिख रेजीमेंट और सिख लाइट इंफ्रेंट्री का युद्धघोष ‘जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ है. पंजाब रेजीमेंट इसके साथ बोल ज्वाला माता की जय का भी नारा लगाते हैं.

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