साल 2024 खत्म होने को है. ईयर एंडर 2024 की इस कड़ी में आज हम बात करेंगे सुप्रीम कोर्ट के 2024 में दिए उन पांच बड़े फैसलों के बारे में, जिन्होंने देश में मिशालें कायम की. इन फैसलों में रिजर्वेशन पॉलिसी डिसीजन, आर्टिकल 370, बिलकिस बनो केस, चुनावी बॉन्ड स्कीम, चाइल्ड पॉर्नोग्राफी शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट के इन फैसलों ने लोगों के अधिकारों की रक्षा तो की ही वहीं उनको राहत देने का भी काम किया. सुप्रीमकार्ट ने साल 2024 में दिए 5 बड़े फैसले इस प्रकार हैं-
- रिजर्वेशन पॉलिसी डिसीजन
सुप्रीमकार्ट ने आरक्षण प्रणाली को लेकर इस साल एक महत्वपूर्ण फैसला दिया. सुप्रीमकार्ट ने अनुसूचित जाति (sc) और अनुसूचित जनजाति (ST) कोटा में कोटा को मंजूरी दे दी. कोर्ट ने कहा कि राज्य अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों में सब कैटेगरी बना सकते हैं. ऐसा किया जाना असमानता के खिलाफ नहीं है. - बिलकिस बानो केस
बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया. दरअसल, गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो के 11 दोषियों को समय से पहले रिहा कर दिया था. सुप्रीमकार्ट ने इस फैसले को रद्द कर दिया. सर्वोच्च अदालत ने सरकार के फैसले को न्याय के विपरीत बताया. इन दोषियों को 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ बलात्कार और उसके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या का दोषी पाया गया था. - अनुच्छेद 370
केंद्र सरकार ने इस साल अगस्त 2024 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया. इसके खिलाफ और जम्मू-कश्मीर में फिर अनुच्छेद 370 की बहाली किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा और सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया. - चाइल्ड पोर्नोग्राफी
मद्रास हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी को देखना और डाउनलोड करना POCSO Act और IT Laws के तहत अपराध नहीं माना जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के इसी फैसले को पलट दिया. शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को कानूनी भाषा में ‘चाइल्ड पोर्नोग्राफी’ की जगह ‘चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज एंड एक्सप्लोइटेटिव मटेरियल (CSEAM)’ शब्द का इस्तेमाल करने को कहा. साथ ही सर्वोच्च अदालत ने कहा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी रखना और उसे देखना दोनों ही क्राइम हैं. - चुनावी बॉन्ड स्कीम
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को लेकर बड़ा फैसला दिया. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की चुनावी बॉन्ड स्कीम को रद्द कर दिया. सुप्रीमकार्ट ने स्कीम को असंवैधानिक और मनमाना बताया. साथ ही कहा कि इस योजना से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है.