गाजियाबाद| 31 साल बाद अपने मां-बाप से मिलने वाले राजू की कहानी में नया मोड़ आ गया है. राजू की दुख भरी कहानी दुनिया के सामने आने के बाद देहरादून पुलिस ने गाजियाबाद पुलिस से संपर्क कर बताया है कि राजू देहरादून में एक बुजुर्ग दंपत्ति के घर उनका खोया हुआ बेटा बनकर रह चुका है. इस सूचना के बाद से कहानी में नया मोड़ आ गया है.
पुलिस ने राजू को हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है. अब उसका जल्द ही डीएनए टेस्ट करवाने की बात भी सामने आ रही है. परिवार वालों ने आईएएनएस से खास बातचीत करते हुए कहा है कि डीएनए टेस्ट के बाद ही राजू का राज खुलेगा. राजू की छोटी बहन हेमापाल ने बताया है कि परिवार वालों को भरोसा है कि राजू उनके ही घर का बच्चा है और डीएनए टेस्ट होने के बाद उन्हें उनका खोया हुआ बेटा फिर से मिल जाएगा.
इस मामले को लेकर अब पुलिस की एक टीम भी देहरादून जांच के लिए गई है. पुलिस सूत्रों की मानें तो राजू ने राजस्थान जाकर प्रताड़ना की कहानी देहरादून के बुजुर्ग दंपत्ति को भी सुनाई थी और उन्हें यकीन हो गया था कि यह उनका खोया बेटा ही है. राजू की बहन हेमा ने बताया कि जब पुलिस वालों ने उन्हें यह सूचना दी तो उन्होंने राजू से पूछताछ की. राजू ने बताया कि वह उत्तराखंड के देहरादून में भी रह चुका है. यह बात उसने गाजियाबाद में परिवार को मिलने के वक्त छुपा के रखी.
हेमा का कहना है कि राजू ने उन्हें बताया कि देहरादून में जिनके घर वह गया था, उन्होंने उससे काम भी करवाया. हेमा के मुताबिक राजू के हाथ पर राजू नाम का एक टैटू भी बना हुआ है और जबकि देहरादून का परिवार अपने कोई बेटे का नाम मोनू शर्मा बताता है. हेमा और उसके पूरे परिवार को यह भरोसा है कि यह उनका खोया बेटा और भाई ही है. लेकिन डीएनए टेस्ट के बाद यह बात साफ हो जाएगी कि राजू सच में गाजियाबाद से लापता हुआ था या इसके पीछे कोई और कहानी है.
गौरतलब है कि 31 साल बाद अपने मां-बाप से मिलने के बाद राजू और उसके मां-बाप और भाई बहन के खुशी का ठिकाना नहीं रहा था. सभी को राजू के अपने घर वापसी की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं लगी थी. राजू के लिए भगवान का दूत बनकर एक ट्रक ड्राइवर उस जगह पहुंचा, जहां राजू को इतने सालों से रखा गया था और लगातार यातनाएं दी जा रही थीं. राजू को बेड़ियों से आजाद कर गाजियाबाद के खोड़ा थाने तक पहुंचने वाले ट्रक ड्राइवर ने किसी को अपना परिचय नहीं बताया.
राजू की इस कहानी पर पुलिस वालों ने भी भरोसा कर लिया और मीडिया में यह कहानी प्रसारित करा दी. जिसको देखकर राजू के परिवार के लोग उसे खोजते हुए पुलिस के पास पहुंचे थे. पुलिस के आला अधिकारी भी अब इस गुत्थी में उलझे हुए दिखाई दे रहे हैं और जल्द से जल्द इस केस को सुलझाना चाहते हैं.