दिल्ली में शुक्रवार यानी 26 अप्रैल को होने वाला मेयर चुनाव टल गया है. उपराज्यपाल सचिवालय के सूत्रों के मुताबिक दिल्ली का मेयर चुनाव, पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं होने की वजह से रद्द कर दिया गया है. सूत्रों के मुताबिक, मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री की ओर से सिफारिस भेजी जाती है. लेकिन सीएम केजरीवाल फिलहाल जेल में बंद हैं.
ऐसे में किसी भी पीठासीन अधिकारी के नाम का प्रस्ताव उपराज्यपाल के पास नहीं भेजा गया. बताया जा रहा है कि इन परिस्थितियों में चुनाव टालने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा. बता दें कि जब तक दिल्ली में मेयर का चुनाव नहीं होता है, तब तक मौजूदा मेयर शैली ओबेरॉय ही कामकाज देखती रहेंगी.
दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली में होने वाले मेयर चुनाव के टालने पर अपनी प्रतिक्रिया दी. भारद्वाज ने कहा कि कल दिल्ली में मेयर का चुनाव होना है, लेकिन अब तक पीठासीन अधिकारी के नाम वाली फ़ाइल चुनी हुई सरकार को नहीं मिली है. सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि उनको बाइपास करते हुए मुख्य सचिव ने फाइल सीधे उपराज्यपाल के पास भेज दी है.
सौरभ भारद्वाज ने मुख्य सचिव से यह बताने के लिए भी कहा कि आखिर कौन से कानूनी प्रावधान उन्हें निर्वाचित सरकार को दरकिनार करने का अधिकार देते हैं. गौरतलब है कि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति उपराज्यपाल द्वारा की जाती है. हालांकि पिछला मेयर ही नए मेयर का चुनाव कराता है, लेकिन इसके लिए उपराज्यपाल की अनुमति जरूरी होती है.
बता दें कि इससे पहले चुनाव आयोग ने बुधवार को कहा कि मेयर चुनाव करवाने में चुनाव आचार संहिता की वजह से कोई रोक-टोक नहीं है. यही नहीं चुनाव आयोग ने दिल्ली नगर निगम मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर एनओसी भी जारी कर दी थी. गौरतलब है कि एनओसी इसलिए ली गई क्योंकि दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगी हुई है, ऐसे में एमसीडी को मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के लिए चुनाव आयोग से NOC लेना जरूरी होता है.
आम आदमी पार्टी के नेता और मंत्री दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल कार्यालय ने दिल्ली नगर निगम के 26 अप्रैल को होने वाले मेयर चुनाव को रद्द कर दिया. चुनाव आयोग से अनुमति मिलने के बावजूद यह चुनाव रद्द करवा दिया. उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल कार्यालय ने यह कहते हुए चुनाव रद्द कर दिया कि वह मुख्यमंत्री की सलाह पर काम करते हैं.