महाराष्ट्र में रामलीला आयोजन को लेकर विवाद बनता जा रहा है. भाजपा ने आरोप लगाया है कि यहां ताजिया के लिए इजाजत है लेकिन रामलीला के लिए नहीं है.
भाजपा नेता अमरजीत मिश्रा ने कहा कि ‘यहां ताजिया के लिए इजाजत है लेकिन रामलीला के लिए नहीं है. यह सरकार (उद्धव ठाकरे सरकार) हिंदू जनभावना का सम्मान नहीं कर रही हैं.’
उन्होंने कहा, “सरकार ताजिया को इजाजत देती है. एक धर्म विशेष के प्रति सरकार का प्रेम है, इसपर हमें आपत्ति नहीं है. लेकिन, सरकार क्यों रामलीला को इजाजत नहीं दे रही है।”
अमरजीत मिश्रा ने कहा, “हम इस मुद्दे पर राज्यपाल से मिल चुके हैं. उन्होंने सरकार को हमारी मांग के बारे में बताया है.”
मिश्रा ने कहा, “रामलीला को इजाजत नहीं मिली तो हम सरकार से दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं.” भाजपा नेता अमरजीत मिश्रा ने कहा, “सरकार को शराबखाना पसंद है.
लोग शराब पीने के बाद बहक जाते हैं लेकिन रामलीला को देखने के बाद लोग मर्यादा का पालन करते हैं.”
उन्होंने कहा, “रामलीला के जरिए हम शिवसेना के हिंदूत्व के मुखौटे को हटाना चाहते हैं।” मिश्रा ने कहा, “रामलीला की अनुमति मिली तो हम सभी नियमों का पालन कर रामलीला का आयोजन करेंगे।”
बता दें कि महाराष्ट्र में हर साल करीब 500 छोटे-बड़े मंडल रामलीला का आयोजन करते हैं.
हर साल होने वाली रामलीला में काम करने वाले कलाकारों के करीब 40 हजार परिवार इस पर निर्भर हैं.
हर साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड से कलाकार रामलीला में हिस्सा लेने के लिए महाराष्ट्र आते हैं.