दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है. दिवाली के बाद अचानक एक्यूआई (AQI) का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है. दिल्ली में दिवाली पर पटाखे फोड़े जाने पर बैन लगाया गया था. मगर इस पर लापरवाही बरतने के मामले सामने आए हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए कहा कि इसमें किसी तरह का विवाद नहीं हो सकता कि पटाखों पर प्रतिबंध शायद ही लागू किया गया हो. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है.
सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एमाइकस (निष्पक्ष सलाहकार) ने जिस रिपोर्ट का हवाल दिया, उससे यह साफ पता चलता है कि इस बार प्रदूषण का स्तर उच्चतम स्तर पर है.कोर्ट ने कहा कि हम दिल्ली सरकार को प्रदूषण से निपटने को लेकर उठाए कदमों के बारे में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हैं.
इसके साथ अदालत ने कहा कि हम दिल्ली के पुलिस आयुक्त को प्रतिबंध लागू करने को लेकर उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा दायर करने का आदेश देते हैं. दोनों को इस बात पर साफ करना होगा कि वे क्या कदम उठाने का प्रस्ताव रखते हैं ताकि इस तरह का माहौल आगे न बने. इसमें सार्वजनिक अभियान को लेकर कदम भी शामिल होंगे. अदालत के अनुसार, पंजाब और हरियाणा के राज्यों की ओर से पराली जलाने के पिछले 10 दिनों के विवरण को लेकर हलफनामा भी दायर किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा कि 2024 की दिवाली पर क्या हुआ, इन पहलुओं पर विचार को लेकर 14 नवंबर को विचार किया जाएगा. दिल्ली सरकार और पुलिस कमिश्नर की ओर से एक सप्ताह के अंदर हलफनामा दाखिल करना होगा. दोनों हलफनामे में इस दौरान हुई आग की घटनाओं के बारे में जानकारी देनी होगी. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार और अन्य अफसरों को भी पटाखों पर ‘स्थायी प्रतिबंध’ लगाने का कॉल लेना चाहिए.
दरअसल, दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाम बना हुआ है. दिवाली के इसमें बढ़ोतरी हुई. कई इलाकों में एक्यूआई 400-500 के बीच पहुंच चुका है. दमघोंटू हवा का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ा है. पटाखों पर प्रतिबंध को लेकर सुप्रीम कोर्ट ही दिशा-निर्देश जारी कर चुका है. इसके बावजूद भी प्रदूषण के स्तर पर अभी तक कोई कमी नहीं देखने को मिल रही है.