देश की सर्वोच्च अदालत ने यूपीएससी छात्रों की मौत के मामले में केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. सोमवार सुबह सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने जिम्मेदार अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई है. साथ ही उनपर ‘बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़’ करने का आरोप लगाया है.
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि, “ये कोचिंग सेंटर डेथ चेंबर बन गए हैं. कोचिंग सेंटर तब तक ऑनलाइन काम कर सकते हैं, जब तक एक सुरक्षा और बुनियादी मानदंडों का पूर्ण अनुपालन न हो. कोचिंग सेंटर उम्मीदवारों के जीवन के साथ खेल रहे हैं…”
गौरतलब है कि, भारी बारिश के बाद सीवेज में जमा हुए पानी को साफ़ करने में नाकामी के चलते छात्रों की मौतों ने शहर के बुनियादी ढांचे पर विवाद खड़ा दिया है. पिछले सप्ताह दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को स्थानांतरित करने से पहले पुलिस और शहर के अधिकारियों को फटकार लगाई थी. अदालत ने कहा था कि, किसी अधिकारी को उत्तरदायी होना होगा…
दिल्ली दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह पुलिस और शहर के अधिकारियों को फटकार लगाई; अदालत ने जांच सीबीआई को स्थानांतरित करने से पहले कहा, “किसी अधिकारी को उत्तरदायी होना होगा…”
कोर्ट ने सख्त लहजे में नगर निगम और शहर के बुनियादी ढांचे की योजना बनाने और मेंटेनेंस को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि, “वे इससे निपटने के लिए तैयार नहीं हैं… शायद वे नहीं समझते कि नागरिक योजना कैसे काम करती है. एमसीडी अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार हैं कि, नालियां चालू हैं… आपराधिक लापरवाही है. यहां कोई स्विमिंग पूल नहीं है.”
बता दें कि, अब तक की पूछताछ में इमारत और कोचिंग सेंटर मालिकों द्वारा कई उल्लंघनों का खुलासा हुआ है, जिसमें उचित मंजूरी के बिना बेसमेंट का इस्तेमाल करना और अग्निशमन विभाग से प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए झूठ बोलना शामिल है. इस मामले में अबतक सात लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.