तिरुपति प्रसादम विवाद की स्वतंत्र जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी का गठन किया हे. इसका अर्थ है कि राज्य की एसआईटी को अदालत ने खत्म कर दिया. अब इस मामले को लेकर जांच करने वाली नई एसआईटी में सीबीआई के दो अधिकारी शामिल होंगे. इसके अलावा टीम में दो लोग राज्य पुलिस से और एक अधिकारी FSSSAI का होगा. अदालत ने आदेश देते हुए स्पष्ट का कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. पुरान एसआईटी पर भी कोर्ट ने भरोसा जताया था, मगर अब नई एसआईटी का गठन किया गया है.
अदालत में सुनवाई के दौरान जस्टिस गवई का कहना है कि हम नहीं चाहते हैं कि यह राजनीतिक नाटक बने. स्वतंत्र निकाय होगा तो आत्मविश्वास बना रहेगा. इस मामले में कल यानी बुधवार को सुनवाई को टाल दिया गया था. एसजी तुषार मेहता का कहना है कि शुक्रवार को केंद्र के सामने जवाब रखेंगे. इस मामले की सुनवाई एक दिन के लिए टल गई थी.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से जानकारी मांगी थी कि क्या राज्य सरकार की एसआईटी पर्याप्त है या फिर किसी स्वतंत्र एजेंसी को जांच सौंपी जाए. एसजी के अनुसार, एक बात साफ है कि अगर इस आरोप में किसी तरह की सच्चाई का कोई अंश है तो यह अस्वीकार्य है.
इस मामले को लेकर याचिकाकर्ता के लिए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र जांच हो तो यह सही होगा. इसका असर होता है. सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता के अनुसार, मामले की जांच कर रही आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से गठित एसआईटी के सदस्यों पर भरोसा है. सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि एसआईटी जांच की निगरानी केंद्र सरकार के किसी वरिष्ठ अधिकारी से कराई जानी चाहिए.