तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर गुजरात सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

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साल 2002 के गुजरात दंगा केस में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर सोमवार (22 अगस्त, 2022) को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है.

टॉप कोर्ट ने जाकिया जाफरी और सीतलवाड़ की पीटिशन खारिज करते हुए इस याचिका को कुछ नहीं बल्कि “मामला गर्म रखने” की कोशिश भर बताया. अदालत ने इसके अलावा अफसरों को कानून के अनुसार घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई करने की आजादी भी दी थी.

दरअसल, सीतलवाड़ ने गुजरात हाईकोर्ट के तीन अगस्त के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें अंतरिम बेल देने से इन्कार कर दिया गया था. उन्होंने इससे पहले गिरफ्तार किया गया था.

तीस्ता को जून में अरेस्ट की गई थीं. गोधरा दंगा मामलों में उन पर ‘‘निर्दोष लोगों’’ (ऊंची रैंक वाले अफसर, जिनमें तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल थे) को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने का आरोप है. वह साबरमती केंद्रीय जेल में बंद हैं.

सामाजिक कार्यकर्ता के अलावा आरबी श्रीकुमार और संजीव भट्ट को भी अहमदाबाद शहर की क्राइम ब्रांच ने एक एफआईआर के बाद अरेस्ट कर लिया था, जिसमें तीनों के खिलाफ “आपराधिक साजिश रचने, जालसाजी करने और बेगुनाह लोगों को फंसाने के लिए झूठे सबूत पेश करने और गवाहों को पढ़ाने और प्रभावित करने के” आरोप थे.

वैसे, यह पहला मौका नहीं है जब कोर्ट की ओर से तीस्ता की जमानत अर्जी पर गुजरात सरकार को नोटिस मिला हो. तीन अगस्त, 2022 को गुजरात हाईकोर्ट ने सीतलवाड़ की जमानत अर्जी पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया. जस्टिस इलेश जे वोरा ने तब राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और इस अर्जी पर उसका जवाब मांगा था.

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