शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को उनके खिलाफ यूपी के सीतापुर में दर्ज एक मामले में अंतरिम जमानत दी है. इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली जुबैर की याचिका पर यूपी पुलिस को नोटिस भी जारी किया गया है.
समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने जुबैर को 5 दिनों के लिए अंतरिम जमानत इस शर्त पर दी कि वह मामले से संबंधित मुद्दे पर कोई नया ट्वीट नहीं करेंगे और सीतापुर मजिस्ट्रेट की अदालत के अधिकार क्षेत्र को नहीं छोड़ेंगे.
जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जेके माहेश्वरी की खंडपीठ ने मोहम्मद जुबैर की अंतरिम जमानत को सशर्त मंजूरी देते हुए कहा कि वह बेंगलुरु या कहीं और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों से छेड़छाड़ भी नहीं करेंगे.
जबकि यूपी पुलिस की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यह मामला किसी एक ट्वीट के बारे में नहीं है. एसजी तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी जुबैर को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया और रिमांड दे दी. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना था कि जुबैर के ट्वीट के बाद कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई थी.
मोहम्मद जुबैर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जुबैर के खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं बनाया जा सकता है. इस मामले की बुनियाद एक ट्वीट है.
हम इस कार्रवाई को रद्द करने की मांग करते हैं और पुलिस या न्यायिक हिरासत के सवाल अब अप्रासंगिक हैं. गोंजाल्विस ने कहा कि कई लोगों को अभद्र भाषा के लिए गिरफ्तार किया गया है और उन्हें जमानत पर भी रिहा किया गया है. जुबैर ने किसी धर्म के खिलाफ नहीं बोला है.