सुप्रीम कोर्ट ने ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को बड़ी राहत दी है. शीर्ष अदालत ने मोहम्मद जुबैर को बुधवार को सभी मामलों में अंतरिम जमानत दे दी. इस दौरान अदालत ने कहा कि उन्हें अंतहीन समय तक हिरासत में बनाए रखना उचित नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ से जुड़ा है. यह फरवरी 2017 में शुरू हुआ. 20 जून 2022 को एक एफआईआर दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल में दर्ज हुई. इसमें आईपीसी की धाराएं थीं. बाद में विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) भी जोड़ा गया.
22 जून को गिरफ्तारी हुई. 1 दिन की हिरासत मांगी गई. बाद में उसे बढ़ाया गया 30 जून को बंगलौर में उसके घर की तलाशी ली गई. बाद में न्यायिक हिरासत हुई. 15 जुलाई को नियमित बेल मिली. दिल्ली पुलिस ने जांच की स्टेटस रिपोर्ट एडिशनल सेशन्स जज को दी है. उसमें लिखा है कि जांच उसके ट्वीट्स से जुड़ी है. 7 ट्वीट का ज़िक्र है.
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस की जांच का दायरा विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम( FCRA) सेक्शन 35 से बढ़ गया. इस एफआईआर के अलावा यूपी में भी कई एफआईआर दर्ज हुए हैं.
एक एफआईआर जून 2021 में गाज़ियाबाद के लोनी थाने का है, इसके अलावा 2021 में मुजफ्फरनगर में भी एक एफआईआर हुई थी. 2021 में चंदौली थाने की फिर है. 2021 में ही लखीमपुर के मोहमदी थाने की एफआईआर है. 2022 में सीतापुर, हाथरस की भी एफआईआर है. एक केस में जमानत मिली है. कुछ में हिरासत चल रही है.
अदालत ने कहा कि 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने सीतापुर केस में अंतरिम जमानत दी. 12 जुलाई को हमने उसे और आगे बढ़ाया. हमारे सामने अब जो याचिका है उसमें यूपी के 6 एफआईआर रद्द करने की मांग की गई है. यह भी कहा गया है कि अगर उन्हें रद्द न करना हो दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में दर्ज एफआईआर के साथ जोड़ दिया जाए.