चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. पांच जजों वाली सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा है कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति अब पीएम, सीजेआई और लोकसभा में नेता विपक्ष की तीन सदस्यों वाली कमेटी की सिफारिश पर होगी.
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने भारत के चुनाव आयोग के सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया में सुधार की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये अहम निर्णय दिया. न्यायमूर्ति के.एम. की अध्यक्षता वाली 5-न्यायाधीशों की पीठ ने ये फैसला दिया है. वहीं, जस्टिस अजय रस्तोगी ने कहा कि चुनाव आयुक्तों को हटाने की प्रक्रिया सीईसी के समान ही होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा
विपक्ष के नेता नहीं हैं, तो लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता ईसी, सीईसी की नियुक्ति के लिए समिति में होंगे.
लोकतंत्र नाजुक है और अगर शासन के प्रति महज जुबानी सेवा की जाती है तो यह ध्वस्त हो जाएगा.
लोकतंत्र में चुनाव की पवित्रता बनाए रखनी चाहिए नहीं तो इसके विनाशकारी परिणाम होंगे.
चुनाव निस्संदेह निष्पक्ष होना चाहिए और इसकी शुद्धता बनाए रखनी चाहिए.
सर्वसम्मत फैसले में चुनाव प्रक्रियाओं में शुद्धता सुनिश्चित करने पर हमारा जोर, कहते हैं कि लोकतंत्र लोगों की इच्छा से जुड़ा होता है.