सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने राफेल मामले में दोबारा जांच कराने वाली याचिका को रद्द कर दिया है. याचिका में उस रिपोर्ट को आधार बनाकर दोबारा जांच कराने की मांग की गई थी जिसमें फ्रांस के कुछ न्यूज पोर्टल पर इस मामले में दसॉल्ट एविएशन के द्वारा भारतीय बिचौलिए को घूस देने का दावा किया जा रहा है.
दरअसल, वरिष्ठ अधिवक्ता एमएल शर्मा द्वारा दायर जनहित याचिका में फ्रांस की न्यूज वेबसाइट पर प्रकाशित कुछ रिपोर्ट के आधार पर राफेल मामले की दोबारा जांच कराने की मांग की गई थी. न्यूज पोर्टल में दावा किया जा रहा है कि राफेल सौदे में दसॉल्ट एविएशन ने भारतीय बिचौलिए को मोटी रकम दी थी.
भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षा वाली पीठ ने अधिवक्ता एमएल शर्मा द्वारा दायर जनहित याचिका को खारिज करते हुए कहा, “न्यायालय द्वारा इस मामले में हस्तक्षेप के लिए कोई औचित्य नहीं बनता है”.
इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए अधिवक्ता शर्मा ने न्यायालय से गुहार लगाते हुए कहा है कि एक दिन ऐसा आएगा जब हर व्यक्ति खुद को असहाय महसूस करेगा. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर सवाल उठाने के लिए कोई सामने नहीं आया. इसपर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि हमने पहले ही आदेश पारित कर दिया है.
बहस के बाद बीएल शर्मा ने याचिका को वापस लेने की मांग की. इसपर बेंच ने आदेश को बदलते हुए याचिका को वापस लेने की अनुमति दे दी. शर्मा इतने पर भी न रूके. उन्होंने कहा कि हम सीबीआई के पास जा सकते हैं. इस पर बेंच न कहा कि आपको कोई नहीं रोक रहा. आप स्वतंत्र हैं.