बिलकिस बानो गैंगरेप केस के आरोपियों को रिहा किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए संवैधानिक बेंच के गठन को राजी हो गया है. बिलकिस बानो मामले में 11 आरोपियों को गुजरात सरकार ने समय से पहले ही रिहा कर दिया था.
इसे लेकर काफी हो-हल्ला भी मचा था और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. बिलकिस ने इस मामले में गुजरात सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी. इससे पहले शीर्ष अदालत ने कहा था कि गुजरात सरकार रिहाई पर फैसला ले सकती है.
जानें क्या है पूरा मामला-:
2002 के गुजरात दंगों में सामूहिक बलात्कार और परिवार की हत्या के दोषी 11 लोगों की रिहाई को बिलकिस बानो ने नवंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. बिलकिस बानो की दो याचिकाओं में पहली याचिका में 11 दोषियों की रिहाई को चुनौती दी गई थी.
जबकि दूसरी याचिका सुप्रीम कोर्ट के मई के आदेश पर पुनर्विचार करने की अपील की गई थी. अर्जी में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विचार करने के लिए कहा गया था कि दोषियों की रिहाई पर फैसला गुजरात सरकार करेगी. इस आदेश के खिलाफ बिलकिस का तर्क था कि सुनवाई के लिए महाराष्ट्र उपयुक्त है क्योंकि केस का ट्रायल महाराष्ट्र में हुआ था.
बिलकिस की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई की मांग की गई थी. मुख्य न्यायधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि वह इस मुद्दे की जांच करेंगे कि क्या दोनों याचिकाओं को एक साथ सुना जा सकता है या सिर्फ एक ही बेंच के सामने सुना जा सकता है. 2002 के दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था. इसके साथ साथ उनकी तीन साल की बेटी सहित परिवार के नौ सदस्यों की हत्या भी कर दी गई थी.