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रामनवमी पर सुलगे गुजरात, मुंबई-बंगाल, 3 की मौत-कई घायल

गुरुवार को देश भर में पूरे उत्साह एवं विशेष पूजा के साथ रामनवमी मनाई गई, लेकिन कई राज्यों में हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं भी हुईं. गुजरात के वडोदरा और पश्चिम बंगाल के हावड़ा में रामनवमी जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हुई. राजस्थान में रामनवमी के मौके पर करतब दिखा रहे 3 लोगों की हाई टेंशन तार की चपेट में आने से मौत हो गई.

गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ‘वडोदरा में रामनवमी के जुलूस के दौरान फतेहपुरा और कुंभरवाड़ा इलाके में पथराव किया गया. करीब 15-17 लोग पकड़े गए हैं.सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों की पहचान की जा रही है. अतिरिक्त बल वडोदरा भेजा गया है. पत्थरबाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.’

पश्चिम बंगाल के हावड़ा में रामनवमी जुलूस के दौरान भी हिंसक झड़क हुई. उपद्रवियों ने वाहनों में आग लगा दी. एएनआई के मुताबिक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बयान में कहा, ‘उन्होंने मार्ग क्यों बदल दिया? विशेष रूप से एक समुदाय को टारगेट करने और हमला करने के लिए अनधिकृत मार्ग क्यों चुना? यदि वे मानते हैं कि वे दूसरों पर हमला करेंगे और कानूनी हस्तक्षेपों के माध्यम से राहत प्राप्त करेंगे, तो उन्हें पता होना चाहिए कि जनता एक दिन उन्हें अस्वीकार कर देगी. जिन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. बीजेपी कार्यकर्ताओं में लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाने की हिम्मत कैसे होती है?’

रामनवमी जुलूस के दौरान हावड़ा में हिंसा आौर सीएम ममता बनर्जी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘टीएमसी झूठ बोल रही है, क्योंकि वह गलत रास्ता नहीं था. हावड़ा मैदान तक अनुमति थी और वहां जाने के लिए यही एकमात्र रास्ता था. अब भारत में ऐसे दिन आ गए हैं कि आप कुछ क्षेत्रों में रामनवमी का जुलूस निकाल सकते हैं और अन्य क्षेत्रों में नहीं जा सकते.’ मुंबई डीसीपी अजय बंसल ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ‘मालवणी क्षेत्र में रामनवमी के जुलूस के दौरान कुछ देर के लिए तनाव बना रहा, लेकिन पुलिस ने इसे संभाला और स्थिति नियंत्रण में है. घटना में एक व्यक्ति को मामूली चोटें आई हैं. कानूनी कार्रवाई की जा रही है और आगे की जांच जारी है.’

राजस्थान के कोटा जिले के एक गांव में रामनवमी समारोह के दौरान करतब करते समय करंट लगने से 3 लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने यह जानकारी दी. पुलिस उपाधीक्षक गजेंद्र सिंह ने कहा कि जश्न उस समय मातम में तब्दील हो गया जब करतब कर रहे 7 लोगों ने स्टील के चक्र को उतारने के लिए एक मानव पिरामिड बनाया और वे हाई टेंशन तार की चपेट में आ गए, जिसके बाद उन्हें बिजली का जोदार झटका लग गया. उन्होंने कहा कि घटना कोटा जिले के कोतरादित गांव में शाम करीब पौने पांच बजे हुई. पुलिस ने कहा कि मृतकों की पहचान 24 वर्षीय अभिषेक, 40 वर्षीय महेंद्र यादव और 25 वर्षीय ललित प्रजापत के रूप में हुई है. सभी बड़ौदा गांव के निवासी हैं.


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