ऑपरेशन कावेरी के तहत सूडान से 246 भारतीयों को लेकर एक और फ्लाइट मुंबई पहुंची. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इसकी जानकारी दी. इससे पहले विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने गुरुवार को कहा कि सूडान में हालात बहुत जटिल और अप्रत्याशित बने हुए हैं.
इस बीच भारत का उद्देश्य उस देश में फंसे हर भारतीय को खतरे से बाहर निकालने पर है. क्वात्रा ने ‘ऑपरेशन कावेरी’ पर जानकारी देते हुए कहा कि लगभग 1,700 से 2,000 भारतीय नागरिकों को संघर्ष क्षेत्रों से बाहर निकाला जा चुका है.
विदेश सचिव ने कहा कि भारत सूडान और दो युद्धरत गुटों के संपर्क में है. संबंधित पक्षों से सकारात्मक प्रतिक्रिया के बाद हम अपने नागरिकों को निकालने में सफल हो पा रहे हैं, क्योंकि वे समझते हैं कि नई दिल्ली खार्तूम के साथ एक बहुत मजबूत विकास साझेदारी साझा करता है.
उन्होंने कहा कि हम SAF (सूडानी सशस्त्र बल) और RSF (रैपिड सपोर्ट फोर्स) दोनों के संपर्क में हैं. हमारे संबंध अच्छे रहे हैं. हम सभी पक्षों के साथ संपर्क में हैं, ताकि भारतीयों को सुरक्षित क्षेत्रों और फिर पोर्ट सूडान ले जाया जा सके.
सूडान में भारतीयों की कुल संख्या के बारे में उन्होंने कहा कि लगभग 3,100 ने सूडानी राजधानी खार्तूम में भारतीय दूतावास के साथ ऑनलाइन पंजीकरण कराया है, जबकि अतिरिक्त 300 मिशन के साथ संपर्क में हैं. सूडान में भी लगभग 900 से 1,000 पीआईओ (भारतीय मूल के व्यक्ति) हैं.
खार्तूम और पोर्ट सूडान के बीच की दूरी लगभग 850 किलोमीटर है. बस से यात्रा का समय 12 से लेकर 18 घंटे तक होता है. मौजूदा स्थिति को देखते हुए भारतीय नौसेना ने अपने युद्धपोत आईएनएस सुमेधा, आईएनएस तेग और आईएनएस तरकश को तैनात किया है, जबकि भारतीय वायु सेना ने अपने दो सी130जे परिवहन विमानों को भी मोर्चे पर लगा दिया है. भारतीयों को जेद्दा ले जाने के लिए जहाजों और विमानों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जहां से उन्हें भारत लाया जा रहा है.
अब तक इतने लोग वापस आए
क्वात्रा ने बताया कि लगभग 600 भारतीय नागरिक या तो भारत आ चुके हैं या रास्ते में हैं. जेद्दा से कल रात चार्टर्ड विमान से 360 भारतीय नई दिल्ली पहुंचे थे. वर्तमान में हमारे पास जेद्दा में 495 भारतीय नागरिक हैं. पोर्ट सूडान में 320 भारतीय हैं. पोर्ट सूडान में और लोगों को लाने के लिए हमारे पास और बसें हैं. विदेश सचिव ने यह भी कहा कि 42 भारतीय नागरिक दक्षिण सूडान चले गए हैं.