आज बात होगी दुनिया के सबसे ऊंचा बैटल फिल्ड की, जहां जाने पर सांसें जम जाती है और ये सियाचिन है जहां का औसतन तापमान पूरे साल शून्य से 20 डिग्री नीचे तक रहता है. लेकिन ठंड में यहां तापमान शून्य से 50 डिग्री नीचे तक चला जाता है.
भारत ने एक ऐसी कामयाबी हासिल की है जिस पर पूरे भारत को गर्व है. मामला देश की सरहद से जुड़ा है और अब मुल्क की सरदह को कोई तब तक कोई छू नहीं सकता जबतक यहां से निगेहबानी होती रहेगी.
अब उस जगह पर यानी सियाचिन ग्लेशियर में भी इंटरनेट सर्विस मिलेगी. सियाचिन सिग्नलर्स ग्लेशियर में सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस एक्टिवेट कर दी गई है. भारतीय सेना की शाखा फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने इस बारे में एक ट्वीट के जरिये जानकारी दी है.
ट्विटर पर तस्वीरें शेयर करते हुए इंडियन आर्मी की विंग ने बताया कि सियाचिन ग्लेशियर में 19,061 फीट की ऊंचाई पर सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सर्विस एक्टिवेट करने का काम पूरा हो गया है. बता दें कि सामरिक दृष्टि से ये भारत को बहुत बड़ी कामयाबी है क्योंकि इससे सर्विलां-कम्यूनिकेशन में भारतीय सेनाओं को बड़ी मदद मिलेगी.
फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स या XIV कॉर्प्स कारगिल-लेह में तैनात रहकर चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं को सुरक्षित करने के साथ-साथ सियाचिन ग्लेशियर की रक्षा भी करती है. भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (बीबीएनएल) जो भारत सरकार का उपक्रम है वो सियाचिन में सेना को नेट कनेक्टिविटी प्रदान कर रहा है.
बीबीएनएल की योजना लगभग 7,000 ग्राम पंचायतों और अन्य दूरदराज के क्षेत्रों में जहां फाइबर आधारित इंटरनेट कनेक्टिविटी संभव नहीं है, वहां उपग्रह आधारित इंटरनेट उपलब्ध कराना है. रिपोर्टों के अनुसार, देश भर में लगभग 4,000 ग्राम पंचायतों को पहले ही चालू किया जा चुका है.