उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में हाल ही में हुई हिंसा के आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने कड़ा रुख अपनाते हुए एनकाउंटर में उन्हें ढेर कर दिया. यह घटना राज्य में बढ़ती हिंसा और आपराधिक गतिविधियों पर काबू पाने के लिए पुलिस द्वारा उठाए गए कदमों का हिस्सा है. पुलिस के अनुसार, यह कार्रवाई हिंसा में शामिल प्रमुख आरोपियों की धर-पकड़ के दौरान हुई, जब उन्होंने पुलिस पर हमला किया और जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उन्हें मार गिराया.
घटना का विवरण
बहराइच में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा ने क्षेत्र में तनाव फैला दिया था. इस हिंसा में कई लोग घायल हुए थे और सार्वजनिक संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया था. पुलिस को हिंसा भड़काने वाले कुछ प्रमुख आरोपियों की तलाश थी, जो हिंसा के बाद से फरार थे. पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी एक सुनसान इलाके में छिपे हुए हैं.
जब पुलिस ने उस इलाके में छापा मारा, तो आरोपियों ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की, जिसमें हिंसा के तीन प्रमुख आरोपी मारे गए. पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास से अवैध हथियार भी बरामद किए गए हैं, जिनका इस्तेमाल उन्होंने हिंसा के दौरान किया था.
पुलिस का बयान
बहराइच पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमने हिंसा में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया था. इन आरोपियों ने पुलिस पर फायरिंग की, जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की. एनकाउंटर में तीन आरोपी मारे गए हैं, और उनके पास से भारी मात्रा में हथियार भी मिले हैं.”
पुलिस ने यह भी बताया कि मारे गए आरोपी इलाके में भय और दहशत का माहौल बनाने में लगे हुए थे, और उनका आपराधिक रिकॉर्ड भी लंबा था. हिंसा के बाद से ही ये आरोपी फरार थे और लगातार अपने ठिकाने बदल रहे थे.
परिवारों का आरोप और जांच की मांग
एनकाउंटर के बाद मारे गए आरोपियों के परिवारों ने पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि उनके रिश्तेदार निर्दोष थे और उन्हें जानबूझकर मारा गया है. परिवारों ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.
इस बीच, मानवाधिकार संगठनों ने भी इस एनकाउंटर पर सवाल उठाए हैं और पूरे मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की है.
प्रशासन का रुख
उत्तर प्रदेश सरकार ने बहराइच में हुई हिंसा और एनकाउंटर की घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया है कि राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस कार्रवाई का समर्थन किया है और कहा कि प्रदेश में हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रशासन हिंसा के हर आरोपी को पकड़ने और कानून के दायरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध है, और जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है.
आगे की कार्रवाई
एनकाउंटर के बाद इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, और पुलिस ने अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके. हिंसा के बाकी आरोपियों की तलाश जारी है, और पुलिस का दावा है कि जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा.
प्रशासन ने हिंसा से प्रभावित इलाकों में शांति बहाल करने के लिए विशेष उपाय किए हैं और स्थानीय लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है.