रामनवमी के मौके पर महाराष्ट्र से गुजरात और फिर पश्चिम बंगाल में बवाल देखने को मिला. गुरुवार (30 मार्च, 2023) शाम भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित गुजरात के वडोदरा में फिर से एक अन्य शोभा-यात्रा पर पथराव किया गया. यह घटना फतेहपुरा रोड वाले इलाके के आसपास हुई. इस बीच, कुछ टीवी मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को लाठियां भी भांजनी पड़ीं.
वहीं, सीएम ममता बनर्जी के शासन वाले बंगाल से इसी तरह की खबर आई. बताया गया कि वहां पर हावड़ा के शिवपुरी में रामनवमी के जुलूस के बीच कुछ लोगों ने पत्थरबाजी कर दी, जबकि इससे पहले गुजरात के वडोदरा में दोपहर को उससे पहले महाराष्ट्र के संभाजीनगर में इस तरह की घटना हुई थी.
वहीं, समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली के जहांगीरपुरी में गुरुवार को रामनवमी पर बड़ी संख्या में लोगों ने नियमों के खिलाफ मार्च निकाला था. इलाके में इसके बाद किसी भी अप्रिय घटना की आशंका को टालने के लिए दंगा रोधी बल को तैनात किया गया.
पुलिस के एक सीनियर अफसर ने इस बारे में बताया कि मंजूरी न दिए जाने के बाद भी समूह के लोग जहांगीरपुरी में जुटे और एक पार्क में उन्होंने पूजा की. दरअसल, 16 अप्रैल 2022 को हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में क्षेत्र में निकाली गई शोभा यात्रा के दौरान दो समुदायों में हिंसक झड़प के मद्देनजर पुलिस ने यह कदम उठाया.
16वीं सदी के भक्ति कवि तुलसीदास की ओर से रचित रामायण पर आधारित महाकाव्य रामचरितमानस के पन्नों को फाड़ने और जलाने के मामले (जनवरी 2023 में) में तीन और लोगों (देवेंद्र सिंह, यशपाल सिंह और सुरेश सिंह यादव) पर गुरुवार (30 मार्च, 2023) को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया. पूर्वी जोन के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (एडीसीपी) सैयद अली अब्बास ने कहा, एनएसए सलाहकार बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद तीनों पर एनएसए लगाया गया है.